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old age home ,बुजुर्ग थर्ड जेंडरों के लिए नहीं है वृद्धा आश्रम, रहने से खाने तक का संकट, प्रशासन ने फेरा मुंह
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old age home ,500 से अधिक बुजुर्ग सड़कों पर भूखे पेट रात गुजारने पर हैं मजबूर
जनधारा
रायपुर। पैदा हुए तो घरवालों ने मुंह फेर लिया। होश संभाले तो रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड ठिकाना हो गया।
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old age home ,पेट की आंग बुझाने के लिए कभी भीख मांगे तो कभी नांच गाना कर दो वक्त के निवाले का इंतजाम किया। अब बुढ़ापे में शरीर ने साथ छोड़ दिया है। अपनों ने भी साथ छोड़ दिया।

old age home ,दो वक्त का खाना भी अब नसीब नहीं होता है। यह कहानी नहीं, बल्कि रायपुर के रहने वाले ७० साल के बुजुर्ग थर्ड जेंडर की हकीकत है। उन्हें बुढ़ापे में दो वक्त के खाने का भी इंतजाम नहीं है।
old age home ,रेलवे स्टेशन के पास सड़क पर भटक रहे बुजुर्ग ने अपनी आपबीती बयां की,
old age home ,जिसे सुनकर वहां मौजूद लोगों की आंखे भर आईं। छत्तीसगढ़ में ऐसे एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों बुजुर्ग थर्ड जेंडर हैं, जिनको बुढ़ापे में रहने के लिए झोपड़ी तक नहीं है और दो वक् त के खाने का इंतजाम भी नहीं है।

इसके बाद सभी शासन से प्रशासन से समाज कल्याण विभाग तक ने बुजुर्ग थर्ड जेंडर के लिए वृ़द्धा आश्रम का इंतजाम नहीं कर सका। यही वजह है, बुजुर्ग थर्ड जेंडर सड़कों पर दर-दर की ठोकरें खाने मजबूर हैं।
500 बुजुर्ग बेसहारा
जानकारी के मुताबिक राज्यभर में करीब ८०० बुजुर्ग थर्ड जेंडर ऐसे हैं, जिनकी उम्र ६० से अधिक हो चुकी है। इनमें ५०० बुजुर्गो के पास रहने के लिए झोपड़ी तक नहीं है, जबकि ३०० बुजुर्ग दूसरे के सहारे अपने जीवन गुजार रहे हैं। अधिकांश बुजुर्ग रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सड़क के किनारे रात गुजारते हैं।
रायपुर में सबसे अधिक बुजुर्ग
जानकारी के मुताबिक रायपुर जिले में सबसे अधिक थर्ड जेंडर बुजुर्ग रहते हैं।

यहां करीब 800 से 100 बुजुर्ग थर्ड जेंडरों के पास रहने से खाने तक का इंतजाम नहीं है। बिलासपुर में 50, दुर्ग में 45, अंबिकापुर में 15, जगदलपुर में 15और रायगढ़
जिले में बुजुर्ग थर्ड जेंडर रहते हैं, जो बेसहारा हैं।
छग में नहीं है थर्ड जेंडर वृद्धा आश्रम
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों में सरकार की तरफ से बुजुर्ग थर्ड जेंडरों के लिए वृद्धा आश्रम बनाया गया है,
लेकिन छत्तीसगढ़ में बुजुर्ग थर्ड जेंडरों के लिए वृद्धा आश्रम नहीं बनाया गया है, जबकि थर्ड जेंडरों ने कई बार प्रशासन से अनुरोध कर चुके हैं।
इसके बाद भी प्रशासन ने उनकी दशा सुधारने कोशिश नहीं की।
थर्ड जेंडरों को होती है परेशानी
निकवा समिति की अध्यक्ष विद्या ने बताया कि थर्ड जेंडरों के लिए वृद्धा आश्रम बनाने बेहद जरुरी है।
वृद्धा आश्रम नहीं होने से बुजुर्ग थर्ड जेंडरों को रहने और खाने की परेशानी होती है।
वर्जन
बुजुर्ग थर्ड जेंडरों के लिए वृद्धा आश्रम बनाने का कोई योजना नहीं है। इसका अध्यन करने के बाद ही स्पष्ट बता पाउंगा।
रमेश शर्मा, संचालक, समाज कल्याण विभाग