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Mosquitoes मच्छरों को मारने हर साल 50 लाख खर्च, फिर भी नहीं मिली निजात
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एंटी लार्वा और फागिंग पर से नहीं कंट्रोल हो रहे Mosquitoes
सरकारी से प्राइवेट कॉलोनी के रहवासी तक Mosquitoes के आतंक से परेशान
विशेष संवाद्दाता
Mosquitoes रायपुर। राजधानी में Mosquitoes के आतंक से निजात दिलाने में नगर निगम फेल हो गया है।
Mosquitoes को मारने हर साल नगर निगम एक करोड़ रुपए खर्च करता है, लेकिन Mosquitoes खत्म नहीं हो रहे।
बीते दो सालों में Mosquitoes का खौफ घटने के बजाए बढ़ गया है।
Mosquitoes के आतंक से सरकारी कॉलोनी से निजी कॉलोनी तक के रहवासी परेशान हो गए हैं,
लेकिन नगर निगम Mosquitoes का कंट्रोल करने पुख्ता इंतजाम नहीं कर पा रहा है।
नतीजतन, बारिश के सीजन में डेंगू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
सवाल उठता है, Mosquitoes को कंट्रोल करने हर साल खर्च होने वाला लाखों रुपए कहां जाता है?
क्या था प्लान
जानकारी के मुताबिक नगर निगम के 70 वार्डों में मच्छरों को कंट्रोल करने सालभर पहले नया प्लान बनाया गया था।
इनमें प्रत्येक कॉलोनी में लार्वा का छिड़काव करने के साथ फागिंग शामिल किया गया था।
इस पर प्रत्येक साल 50 लाख खर्च का ब्योरा बनाया गया था। प्लान के अनुसार कोशिश भी की गई, लेकिन Mosquitoes को कंट्रोल नहीं किया जा सका।
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लार्वा का छिड़काव बंद
जानकारी के मुताबिक रायपुर की 20 लाख आबादी को मच्छरों से राहत दिलाने का सिस्टम बंद है। कॉलोनी से गली मोहल्लों तक लार्वा ट्रीटमेंट महीनों से नहीं हुआ।
करीब सालभर से फागिंग का सिस्टम भी बंद है, जबकि सरकारी रिकार्ड में बीते दो सालों में करीब एक करोड़ रुपए Mosquitoes का मारने पर खर्च हो चुका है।
ऐसे में सवाल उठता है, मच्छरों को मारने पर पैसे खर्च हो रहे हैं या फिर उन्हें बढ़ाने पर?
सरकारी कॉलोनी में भी परेशानी
जानकारी के मुताबिक देवेंद्रनगर ऑफिसर कॉलोनी समेत सभी सरकारी कॉलोनी में अफसर और उनके परिजन इन दिनों Mosquitoes से बहुत परेशान हो गए हैं।
रात ही नहीं, बल्कि दिन के समय में भी कमरे में बैठना मुश्किल हो गया है।
वर्जन
Mosquitoes को कंट्रोल करने लार्वा ट्रीटमेंट और फागिंग की जाती है।
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बारिश में Mosquitoes का मारने का प्लान बनाया गया है।
जल्द ही लार्वा का छिड़काव शुरु किया जाएगा। सालभर में करीब 50 लाख रुपए Mosquitoes पर खर्च किया जाता है।
नागभूषण राव यादव, अध्यक्ष, स्वास्थ्य विभाग नगर निगम