लाखों का गबन और भ्रष्टाचार की कहानी
कोरिया। जिले के सोनहत विकासखंड में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत चल रहे कार्यों में धांधली और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।
सूत्रों के अनुसार, रोजगार सहायक और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों की अवहेलना कर लाखों रुपए का गबन किया जा रहा है। ताजा मामला ग्राम पंचायत सलगवाकला का है, जहां रोजगार सहायक नंदलाल राजवाड़े पर गंभीर आरोप लगे हैं। ग्राम पंचायत सलगवाकला में मनरेगा के तहत स्वीकृत तीन बोल्डर चेक डैम निर्माण कार्य की वित्तीय अनियमितताओं को लेकर नंदलाल राजवाड़े पर आरोप है कि उन्होंने वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नालों में नियमों के विपरीत काम कराकर लाखों रुपए का घोटाला किया। ग्रामीणों का कहना है कि नंदलाल ने सोनहत वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत नालों में मजदूरों से वन भूमि में पड़े पत्थरों को उठवाकर बोल्डर चेक डैम का निर्माण कराया और मटेरियल की राशि लगभग चार लाख चौरासी हजार रुपए ग्राम पंचायत सोनहत में कार्यरत मनरेगा मजदूर राजेश कुमार के नाम पर बिल लगाकर निकाल लिए गए। इस मामले में आरोप है कि नंदलाल राजवाड़े ने पहले भी कई निर्माण कार्यों में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बिल लगाकर धन का दुरुपयोग किया है। उनका नियमों के खिलाफ कार्य करना कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2015-16 से 2018 तक उन्होंने अपने पिता और भाई के नाम पर शौचालय निर्माण में भी लाभ कमाया। शिकायतों के बावजूद उन्हें दूसरे पंचायत में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति में कोई कमी नहीं आई। कई बार शिकायतें उठने के बावजूद, जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
कोरिया जिले में सोनहत विकासखंड में मनरेगा के कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार ने शासन की मंशा पर सवाल उठाए हैं। जब तक ऐसी अनियमितताओं के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक गरीब और जरूरतमंद लोग इन योजनाओं का सही लाभ नहीं उठा सकेंगे। अब यह देखना है कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है, ताकि भ्रष्टाचारियों को सजा मिल सके और ग्रामीणों का विश्वास वापस लाया जा सके।