हांगकांग के ताई पो इलाके में रिहायशी इमारतों में लगी विनाशकारी आग ने
भयावह रूप ले लिया है। इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है,
जबकि 279 लोग अब भी लापता हैं। इसे हांगकांग के इतिहास की सबसे भीषण आग
की घटनाओं में से एक बताया जा रहा है।
अस्पताल में 68 लोग भर्ती, 16 की हालत गंभीर
चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 68 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें
- 16 की हालत बेहद गंभीर,
- जबकि 25 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं, लेकिन खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

आग इतनी तेजी से कैसे फैली?
पुलिस जांच में सामने आया कि इमारतों पर लगाए गए सुरक्षा नेट, वाटरप्रूफ कैनवास और प्लास्टिक कवर ने आग को तेजी से फैलाने में बड़ा योगदान दिया।
इसके अलावा खिड़कियों को सील करने के लिए इस्तेमाल किया गया पॉलीयूरेथेन फोम—जो अत्यधिक ज्वलनशील होता है—ने आग को और विकराल बना दिया।
एक इमारत से सात इमारतों तक पहुँची लपटें
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, आग की शुरुआत एक इमारत से हुई थी, लेकिन कुछ ही घंटों में यह सात इमारतों में फैल गई।
हादसे के बाद 900 से अधिक लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया और बड़ी संख्या में लोगों को अस्थायी कैंपों में शिफ्ट किया गया है।

शी जिनपिंग ने जताया दुख, रिपोर्ट तलब
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं जताईं। उन्होंने अधिकारियों से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
निर्माण कंपनी के 3 लोग गिरफ्तार
हांगकांग पुलिस ने इस अग्निकांड के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक निर्माण कंपनी के निदेशक और सलाहकार शामिल हैं। इन पर निर्माण में घोर लापरवाही का आरोप है।
दमकल विभाग का रेस्क्यू ऑपरेशन
अग्निशमन विभाग के अनुसार:
- 140 से अधिक फायर ट्रक,
- 60 से ज्यादा एंबुलेंस,
- और सैकड़ों फायरफाइटर व पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं।
आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। दुर्भाग्य से, मरने वालों में एक फायरफाइटर भी शामिल है।