Madhya pradesh police : मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास में पुलिस बैंड का कार्यक्रम ऐतिहासिक: यादव

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Madhya pradesh police :  मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास में पुलिस बैंड का कार्यक्रम ऐतिहासिक: यादव

Madhya pradesh police :  भोपाल !   मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस को सशक्त बनाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए बजट में साढ़े दस हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

डॉ यादव ने यहां मोतीलाल नेहरू पुलिस स्टेडियम में आज शाम स्वर मेघ कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश पुलिस बैंड द्वारा प्रस्तुत संगीत मय कार्यक्रम का श्रवण किया। नव गठित पुलिस बैंड ने संगीत मय धुनों का वादन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री ने पुलिस बल के सभी सदस्यों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी और उनके हुनर की सराहना की। कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री कृष्णा गौर और भोपाल की महापौर मालती राय उपस्थित थीं। प्रदेश में करीब 330 पुलिसकर्मी पुलिस बैंड के सदस्य के रूप में प्रशिक्षित हुए हैं। ये स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न जिलों में प्रस्तुति देंगे। मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशा के अनुसार मध्यप्रदेश पुलिस के संगीत में रुचि रखने वाले जवानों को बैंड वादन का प्रशिक्षण दिलवाया गया।

Madhya pradesh police :  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पुलिस कर्मियों के लिए 25 हजार आवास इस वर्ष बनाने का लक्ष्य है, जिसमें से 12 हजार आवास बना लिए गए हैं। प्रदेश के हर जिले में स्वतंत्र रूप से पुलिस बैंड दल कार्य करेगा। स्वर मेघ के अंतर्गत प्रस्तुत बैंड कार्यक्रम के सहभागी प्रत्येक सदस्य को 11-11 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

उन्होंने कहा कि ‘स्वर मेघ’ कार्यक्रम में आज अद्भुत प्रस्तुति हुई है। पुलिस कर्मियों ने देशभक्ति-जनसेवा के ध्येय वाक्य को अपनी आत्मा में उतारकर दिन-रात सुरक्षा और सेवा में लीन रहने का कार्य किया है। इसके लिए मध्यप्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों को वे सैल्यूट करते हैं और बधाई देते हैं।

डॉ. यादव ने कहा कि आज पुलिस बैंड के ‘स्वर मेघ’ कार्यक्रम में ऐसा लग रहा है कि स्वयं मेघ भी मेजबान बनकर इसका आनंद ले रहे हैं। वे आज प्रसन्न हैं, उन्हें विश्वास है कि उनके साथ आप सभी इस आनंद में डूबे होंगे। उनके पदभार के प्रारंभिक दिनों में, वे पुलिस मुख्यालय गए और यह विषय रखा कि धीरे-धीरे हमारे सभी जिलों के पुलिस बैंड का गठन किया जाए। प्रत्येक जिले में पुलिस बैंड की स्थापना बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन पुलिस की इच्छाशक्ति से यह कार्य सफल हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के समय में अधिकांश जिलों में पुलिस बैंड हुआ करता था, किंतु जैसे-जैसे पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त हुए, वैसे-वैसे पुलिस बैंड का अभाव बढ़ता गया। यह हमारे लिए चुनौती का विषय था। हमने यह प्रयास किया कि 15 अगस्त तक हमारे हर जिले में पुलिस बैंड प्रस्तुति दे। उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि पुलिस ने उस चुनौती को पूर्ण किया और इसके परिणामस्वरूप इस बार हर जिले में स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस बैंड की प्रस्तुति दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस बैंड की व्यवस्था रहेगी, इसके लिए जहां विधिवत रूप से भर्तियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 340 पुलिसकर्मियों ने स्वेच्छा से सभी जिलों में पुलिस बैंड की शुरुआत कर दी है। यह इच्छा शक्ति यह बताती है कि पुलिस जो चाहती है, प्रशासन जो चाहता है, वे कार्य साकार रूप लेता है। डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा।

डॉ यादव ने कहा कि मप्र पुलिस के लिए प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इसके अंतर्गत पुलिस में 7500 पदों पर भर्तियां करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा भोपाल में 50 बिस्तर क्षमता के पुलिस अस्पताल का भी लोकार्पण किया जाएगा। यह भी निर्णय लिया है कि यदि मध्यप्रदेश पुलिस का कोई जवान शहीद होता है तो एक करोड़ रुपए की राशि में से 50 प्रतिशत राशि पत्नी और 50 प्रतिशत की राशि माता-पिता को प्रदान की जाएगी। पुलिस ने निश्चित समय में थानों की सीमाओं का भी पुनर्निर्धारण किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि पुलिस ने इस चुनौतीपूर्ण कार्य को किया है, जिससे 22 हजार गांवों को इसका लाभ मिलेगा। मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश पुलिस अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए ऐसे कार्यों से अपनी अलग पहचान बनाएगी।

डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों में पुलिस ब्रास बैंड की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस बैंड के उत्थान की जो परिकल्पना की गई है, वह न केवल पुलिस बल के प्रदर्शन को मजबूती दे रही है बल्कि पुलिस और जनता के बीच निकटता लाने के साथ ही उनमें उत्सा ह का संचार भी कर रही है। पुलिस बैंड, जहां जनता और पुलिस के बीच सहभागिता में वृद्धि करते हुए उसे सुदृढ़ बनाता है, वहीं इसकी स्वर लहरियां वातावरण में गूंजते ही आम जनमानस में देशभक्ति की भावना का संचार करने के साथ ही उन्हें गर्व की अनुभूति कराती है।

भोपाल के लाल परेड मैदान स्थित मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित ‘स्वर मेघ’ कार्यक्रम में पुलिस ब्रास बैंड के सदस्यों ने लयबद्ध प्रस्तुति दी । ‘स्वर मेघ’ कार्यक्रम के दौरान पुलिस ब्रास बैंड कॉन्सर्ट और पुलिस बैंड डिस्प्ले की प्रस्तुति दी गई। जहां पुलिस ब्रास बैंड कॉन्सर्ट के दौरान सावन का महीना पवन करे शोर, वंदे मातरम, ऐ मेरे वतन के लोगो, ब्राजील, यारी है ईमान मेरा, मेरा रंग दे बसंती चोला, और जय हो जैसे फिल्मी गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। वहीं पुलिस बैंड डिस्प्ले में फैनफेयर, क्विक मार्च, स्लो मार्च, स्टैंडिंग डिस्प्ले, ड्रम बीटिंग आदि की मधुर धुनों की प्रस्तुतियां देकर पुलिस ब्रास बैंड के सदस्यों ने समां बांध दिया।

इस अवसर पर पुलिस जवानों द्वारा बजाई गई स्वर लहरियों ने सभी उपस्थितजन को उत्साह से भर दिया। इसी प्रकार देश प्रेम एवं राष्ट्र्भक्ति पूर्ण गीतों की रोमांचक धुनों ने जन-मन में राष्ट्रिप्रेम की भावना का संचार कर दिया और सभी के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।

दस जनवरी 2024 से प्रारंभ 90 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश विशेष सशस्त्र बल के ट्रेनिंग सेंटर सातवीं वाहिनी भोपाल में 100, प्रथम वाहिनी इंदौर में 107 तथा छठीं वाहिनी जबलपुर में 123 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को बैंड वादन तथा वाद्ययंत्रों का सघन प्रशिक्षण दिया गया। इन 330 प्रशिक्षुओं में प्रदेश की सभी बटालियनों के पुलिसकर्मियों को सम्मिलित किया गया ताकि सभी इकाइयों में बैंड स्थागपना के लक्ष्य् को शीघ्र पूरा किया जा सके।

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‘स्वर मेघ’ कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि मुख्यमंत्री डॉ यादव के निर्देशों के परिपालन में मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रदेश के 19 कर्मचारियों को 6 माह के एडवांस कोर्स के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ बैंड ट्रेनिंग स्कूल बीएसएफ, बेंगलुरु भी भेजा था, जहां प्रशिक्षणार्थियों ने वाद्ययंत्र वादन, वाद्ययंत्र के साथ ड्रिल, थ्योरी क्लास आदि का प्रशिक्षण पूर्ण किया।