नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार का दिन हंगामों और राजनीतिक टकराव के बीच गुजरा। कई बार सदन के स्थगन के बाद आखिरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई, जिसकी शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस दौरान उन्होंने इस सैन्य अभियान की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि यह “आतंकवाद के खिलाफ भारत का सख्त जवाब” था।

रक्षा मंत्री का बयान – “सीजफायर का फैसला पूरी तरह भारत का था”**
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा,
– “6 और 7 मई को एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई अंजाम दी गई। यह सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी दृढ़ प्रतिक्रिया थी।”
– “पाकिस्तान के हार मानने पर भारत ने स्वतंत्र रूप से सीजफायर का फैसला लिया। इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।”

विपक्ष का हंगामा, सदन तीन बार स्थगित
सुबह से ही विपक्ष के सदस्यों ने सदन में हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके चलते कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा। हालांकि, दोपहर 2 बजे के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हो सकी।
मानसून सत्र का पहला सप्ताह हंगामों से गुजरा
– इससे पहले, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने भी सियासी हलचल बढ़ा दी थी।
– विपक्ष सरकार से ऑपरेशन सिंदूर और सीमा सुरक्षा से जुड़े सवालों का जवाब मांग रहा है, जबकि सरकार अपने रुख पर कायम है।
इस बीच, राजनाथ सिंह के बयान ने सरकार के रुख को स्पष्ट कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से भारत की स्वतंत्र कार्रवाई थी, जिसमें किसी बाहरी दबाव की कोई भूमिका नहीं रही।