पूर्व में अनेकों अपराधिक घटनाओं को मुसाफिरों ने दिया अंजाम
मकान मालिकों को किरायेदार और अपनी पहचान थाने में दर्ज कराना अनिवार्य, ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस की कड़ी निगरानी
पत्थलगांव(दिपेश रोहिला)
घरेलू उत्पादों की बिक्री करने के बहाने शहर में अन्य प्रदेशों से प्रवेश कर रहे मुसाफिर कुछ दिनों में ही स्थानीय लोगों से मुलाकात और चिकनी चुपड़ी बातें करके जान पहचान बनाकर इन दिनों किराए के मकान खरीद कर रहने लगे है। जिसमें ध्यान योग्य बातें यह है कि इन मुसाफिरों द्वारा अपने धंधे को बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों से अपने परिवार के लोगों को शहर में बुलाकर कार्य करने लगते है। जिसमें कई ऐसे बाहरी लोग भी हैं जो पुलिस थाने में अपनी बिना मुसाफिरी दर्ज कराए आसानी से रह रहे है। कुछ दिनों बाद आसपास इलाकों में कोई चोरी या अपराधिक घटनाएं घटित होने पर पता चलता है किसी बाहरी व्यक्ति ने मामले को अंजाम दिया है। जिनकी पहचान ना होने से आसानी से भाग निकलते है और पुलिस प्रशासन के लिए इनकी तलाश करना सिरदर्द बन जाता है। नगर में प्रतिदिन पचासों मुसाफिर अन्य राज्यों की नंबर प्लेट लगी मोटरसाइकिल में प्लास्टिक,बर्तन,मनिहारी,खिलौने एवं घरेलू सामान बेचने सुबह से ही निकल पड़ते है, ये सभी अधिकांश मुसाफिर शहरों में नहीं घूमते बल्कि गांव गांव घूमकर ग्रामीण महिलाओं को रद्दी समान बेचकर मुनाफा कमा लेते है और कुछ दिनों बाद इलाके से गाढ़ी कमाई होने पर दूसरे इलाके को चुन लेते है।
आपको बता दें कि यहां के बस स्टैंड समीप सुबह से इनकी ओवरलोडिंग सामानों से लदी दोपहिया वाहन देखी जा सकती है। ये सभी उत्तरप्रदेश,झारखंड,बिहार,पश्चिम बंगाल जैसे मशहूर राज्यों से यहां आकर बसे हुए है।
पूर्व एल्डरमैन बबलू तिवारी ने बाहर से आने वाले मुसाफिरो की पहचान के अलावा उनका फिंगर प्रिंट,आधार कार्ड,वोटर आई.डी. का मिलान करने के बाद ही शहर मे रहने की अनुमति देने पर पुलिस प्रशासन का ध्यानाकर्षित किया है। उनका कहना था कि बीते कुछ सालो की घटनाओ मे नजर डाली जाये तो उन्हे अंजाम देने मे बाहर के मुसाफिरो का हाथ होना साबित हुआ था। स्टैट बैंक मे चोरी के अलावा ए.टी.एम उखाडने मे भी बाहर के लोगो का ही हाथ होने की बात सामने आयी थी,उनका कहना था कि किराये के मकान मे रहने वाले बाहर के लोगो की सूची के अलावा मुसाफिरो की रोजनामचे मे आवक जावक दर्ज करने के बाद उनके स्थायी निवास से भी उनकी पहचान सत्यापित करनी चाहिये,जिससे की क्षेत्र के शांत परिक्षेत्र मे किसी प्रकार के अपराध करने के बाद अपराधी जल्दी से यहा से भाग ना सके।
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विदित हो कि जशपुर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने समस्त थाना/चौकियों में गत दिनों मुसाफिर एवं किरायेदारो को लेकर उनके आधार कार्ड,निवास प्रमाण पत्र्,आवश्यक रूप से लेकर उसे थाना मे जमा कराकर एक पावती अपने पास सुरक्षित रखने का प्रावधान किया है। नियम में मकान मालिको को हिदायत दी गयी थी कि वे अपना मकान किराये पर देते वक्त व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर बनाए रखे,यदि उनकी गतिविधियों पर जरा भी संदेह हो तो तत्काल वे स्थानीय थाना में मौखिक या लिखित रूप से सूचना दे सकते है, साथ साथ किरायेदार का मूल निवास एवं संबंधित थाने से चरित्र पता किया जाना अनिवार्य किया गया है।
लोगों की मानें तो चुनाव के दौरान अपना भाग्य आजमाने वाले प्रत्याशी भी मुसाफिरो को सरंक्षण देने से नहीं चूकते है,अपने वोट बैंक बढाने की खातिर इन मुसाफिरो को प्रत्याशी ढूंढ ढूंढकर नगर पंचायत मे नाम दर्ज करवाकर उन्हे सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाते है,जिसका ये चुनाव के दौरान अपने पक्ष मे वोटिंग कराकर लाभ उठाते है। शहर मे सैकडो ऐसे लोग बसे हुये है,जिनका चुनाव के दौरान राशन कार्ड बनाकर वोटर आई.डी मे नाम जुड़वाया गया है।
बाहरी राज्यों से क्षेत्र में प्रवेश करने वालों को अपनी मुसाफिरी थाने में दर्ज कराना बेहद जरूरी है। जिनकी सूक्ष्मता से जांच की जाएगी। साथ ही शहर में मकान,दुकान को भाड़े में देने वाले मालिक अपना और किराएदार का आधार,वोटर कार्ड संबंधित दस्तावेज की फोटोकॉपी भी थाना में जमा करें। किसी व्यक्ति की गतिविधि में संदेह होने पर पुलिस को तत्काल सूचित करें, ग्रामीण इलाकों में प्रशासन द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
थाना प्रभारी, विनीत पाण्डेय, पत्थलगांव