High court removed , शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक को हाई कोर्ट ने हटाया

High court removed

बिलासपुर। प्रदेश में 14 हजार शिक्षकों व व्याख्याताओं की भर्ती प्रक्रिया को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। पूर्व में जारी रोक को शिथिल करते हुए राज्य शासन को आगे की प्रक्रिया को प्रारंभ करने की छूट दी है। कोर्ट ने पांच याचिकाकर्ताओं के लिए पांच पद आरक्षित रखने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट के इस फैसले से राज्य शासन को बड़ी राहत मिली है। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अंतिम परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सेवा भर्ती नियम 2019 के विपरीत शिक्षक भर्ती विज्ञापन में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने एवं विषयवार विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। वेद प्रकाश एवं अन्य ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षक के टी संवर्ग के चार हजार 659 पद पर एवं ई संवर्ग के एक हजार 113 पदों की भर्ती हेतु चार मई 2023 को विज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें शिक्षक पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का प्रविधान किया गया है।

जबकि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक तथा प्रशासनिक) संवर्ग भर्ती नियम 2019 में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने के संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है। इसके अलावा उक्त पदोन्नति तथा भर्ती नियम 2019 की अनुसूची दो के कालम 33 के अनुसार शिक्षक के पद पर विषयवार सीधी भर्ती तथा पदोन्नति किया जाना है। याचिकाकर्ताओं ने शिक्षक भर्ती के लिए जारी विज्ञापन पर आपत्ति दर्ज कराई है। याचिका में कहा है कि जो विज्ञापन जारी किया गया वह केवल शिक्षक के लिए जारी किया गया था। इसमें किसी प्रकार के विषय का वर्गीकरण नहीं किया गया। जबकि सभी विषय अंग्रेजी, गणित, संस्कृत आदि विषयों के लिए अलग-अलग पद जारी किया जाना था। मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद जस्टिस साहू ने याचिका के निराकरण होने तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने शिक्षक भर्ती के लिए 10 जून को लिखित परीक्षा का आयोजन किया था। विज्ञापन में खामियों के चलते व्यापमं की परीक्षा एक बार फिर विवादों में पड़ गया है।

याचिका में गिनाई खामियां

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि विज्ञापन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस विषय के शिक्षक के लिए कितने पदों पर भर्ती की जाएगी। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों को इस बात की जानकारी आखिर तक नहीं मिल पाएगी कि जिस विषय के शिक्षक पद के लिए उसने आवेदन जमा किया है और परीक्षा दिलाई है उसमें कितने पद है। पदोन्नति एवं सेवा भर्ती नियम के विपरीत विज्ञापन जारी किया गया है।

महाधिवक्ता व उप महाधिवक्ता ने रखा पक्ष

गुरुवार को इस मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में हुई। राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा व उपमहाधिवक्ता संदीप दुबे ने पैरवी की। महाधिवक्ता व उप महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि नियमों में जरुरी संशोधन कर दिया है। विधि अधिकारियों ने अपने जवाब में बताया कि सहायक शिक्षक व शिक्षकों के लिए नियम बना दिया है। विषयों को हटा दिया था। गणित अंग्रेजी विज्ञान के पद रिक्त रह जाते हैं। दसवीं तक अंग्रेजी से लेकर सभी विषय पढ़े हैं। बीएड डीएलएड की ट्रेनिंग भी लिए हैं। आठवीं कक्षा तक पढ़ाने की पात्रता रखते हैं। अतिथि शिक्षको को बोनस अंक के लिए केबिनेट का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट का भी यह फैसला है। राज्य सरकार निर्णय ले सकता है। विधि अधिकारियों के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया है।

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