Gyanvapi Case Update Today : ज्ञानवापी केस में हिन्दू पक्ष की जीत! कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस याचिका को किया खारिज
Gyanvapi Case Update Today : ज्ञानवापी मामले की मेन्टेनेबिलिटी को बरकरार रखते हुए वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को ग्राह्य माना है। कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है

Gyanvapi Case Update Today : क्योंकि कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष ने कहा है कि फैसला हमारे पक्ष में है, यह हमारी जीत है.
ज्ञानवापी पर सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट के आज के आदेश का साफ मतलब है कि पहले जिला जज और अब सिविल जज दोनों ने इस मामले की सुनवाई को 1991 के पूजा स्थल विधेयक का उल्लंघन नहीं माना है
और इस हिंदू पक्ष की याचिका जारी है. वाराणसी के कोर्ट में रहेंगे इससे पहले 12 सितंबर को वाराणसी के जिला जज डॉ. एके विश्वेश ने भी हिंदू पक्ष के केस को आगे बढ़ने की इजाजत दी थी.

क्या थी हिंदू पक्ष की दलील
याचिका में हिंदू पक्ष ने अनुरोध किया था कि ज्योतिर्लिंग की पूजा तत्काल प्रभाव से शुरू की जाए और परिसर को हिंदुओं को सौंप दिया जाए.
सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक कोर्ट) महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने कहा, यह याचिका सुनवाई योग्य है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 2 दिसंबर तय की है।
गौरतलब है कि वादी किरण सिंह ने 24 मई को एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतेजामिया समिति के साथ ही विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया था.

बाद में 25 मई को जिला न्यायालय के न्यायाधीश ए.के. का। विश्वेश ने केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर कराया था।
वादी ने अपनी याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने, परिसर को हिंदुओं को सौंपने के साथ ही परिसर में पाए जाने वाले कथित शिवलिंग की नियमित रूप से पूजा करने का अधिकार देने का अनुरोध किया था.
इससे पहले इसी साल मई में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे किया गया था. इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक आकृति मिली।

हिंदू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताते हुए कहा था कि इसके साथ आदि विश्वेश्वर प्रकट हुए हैं। उधर, मुस्लिम पक्ष का तर्क था कि यह एक फव्वारा है, मुगल काल की इमारतों में इस तरह के फव्वारों का मिलना आम बात है।