– सुभाष मिश्र
बदलाव और भटकाव दोनों का नाम ही युवा है। यदि सही दिशा और अवसर मिल जाये तो युवा वर्ग सड़ी-गली व्यवस्था के बदलाव का सबसे बड़ा कारण बन जाता है। इतिहास साक्षी है कि पूरी दुनिया में जब भी कोई बड़ा जन आंदोलन हुआ है, क्रांति हुई है तो वह युवाओं की वजह से ही हो पाई है। चाहे जे पी का सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन हो या अन्ना हज़ारे का आंदोलन। सब जगह युवा ही फ्रंट पर रहा है। बहुत सारी अवसरवादी ताकतें, विचार, बेरोजग़ारी, धार्मिक, सामाजिक वैमनस्यता और सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली मिथ्या खबरों के चलते आज का युवा थोड़ा भटका हुआ है।
अष्टभुजा शुक्ल की एक पुरानी कविता है –
एक हाथ में पेप्सी कोला
दूजे में कंडोम
बगल में है रामपुरिया चाकू
मुंह में है हरि ओम
कि विदेशी बैंड बजेगा जोगीरा सा रा रा रा।।
संयुक्त राष्ट्र के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार भारत ना केवल दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है, बल्कि यूएन के आंकड़ों के अनुसार यहां दुनिया की सबसे युवा आबादी भी रहती है। भारत की आधी आबादी 30 साल से कम लोगों की है जिनकी औसत उम्र 28 वर्ष है। अमेरिका और चीन की बात की जाए तो वहां की औसत उम्र 38 वर्ष है। भारत की राष्ट्रीय युवा नीति (2014), युवा आबादी को 15-29 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्तियों के तौर पर परिभाषित करती है।
चुनावी साल में कांग्रेस, युवाओं को वोट बैंक के रूप में देख रही है और उनको टार्गेट भी कर रही है। इसी बीच बेहतर भारत की बुनियाद के उद्देश्य से पार्टी एक युवा सम्मेलन करा रही है, जिसमें 3000 से अधिक युवा पूरे देश भर से 10 से 12 जुलाई तक कर्नाटक के बेंगलुरु में उपस्थित होंगे। युवा कांग्रेस द्वारा अब तक का यह सबसे बड़ा युवा अधिवेशन का आयोजन कर रही है। इस अधिवेशन में देशभर से यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शामिल हो रहें हैं। इस अधिवेशन में देशभर से आए हुए युवाओं को कांग्रेस के इतिहास एवं केंद्र सरकार की जो असफल योजनाएं है उसके बारे में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी की युवा इकाई आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। युवा मतदाताओं को कैसे लुभाया जाए और उन्हें पार्टी से कैसे जोड़ा जाए, इसकी कवायद तेज करते हुए यूथ कांग्रेस ने एक ऐप भी लॉन्च कर दिया है जिसका नाम है यूथ जोड़ो बूथ जोड़ो।
सम्मेलन के आयोजन को लेकर कोंग्रेस का मानना है कि अगर युवा संगठन से जुड़ता है तो संगठन मजबूत होगा। वहीं युवा बूथ पर काम करेगा। इसके अलावा, जो प्रतिभाशाली यूथ हैं, उनकी प्रतिभा को निखारने में, उन्हें मौके दिलाने के लिए काम करेंगे। इसके अलावा इस कदम के जरिए लोकल युवाओं की समस्याओं, मुद्दों, जरूरतों को समझने और उन्हें सही मंच पर उठाने में भी मदद मिलेगी।
कांग्रेस की आईडियोलॉजी हमेशा से ही महात्मा गांधी के इर्द-गिर्द घूमती रही है और इसी को प्रमुख मानते हुए अब कांग्रेस यूथ को फिर से गांधी से जोडऩे के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इस तरीके का सम्मेलन करना चुनावी असर है। दरअसल गांधी अब सोशल मीडिया के दौर में मीम मटेरियल बनकर रह गए हैं, लेकिन बेंगलुरु में आयोजित इस सम्मेलन में कांग्रेस ने यूथ को जोडऩे के लिए गांधी के उन्हीं की प्वाइंट को जोडऩे की कोशिश की है जो इन वर्षों में कहीं खो गई थी, जैसे सत्याग्रह। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल अगस्त माह में अपने चर्चित और पब्लिक से सीधे जुड़े भेंट-मुलाक़ात अभियान की तजऱ् पर संभाग स्तर पर युवा आकांक्षाओं को लेकर युवाओं से सीधा संवाद करने जा रही है। इस संवाद में राजीव युवा मितान क्लब को जोड़ा जायेगा। इस संवाद श्रृंखला में युवा छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर अपनी समझ साझा कर सकेंगे। युवाओं का पंजीयन, फिर युवाओं का चयन लाटरी से, चयनित युवाओं को स्मार्ट फ़ोन, युवाओं को प्रेरणास्पद पुस्तकें, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में जागरूकता, गांधीजी की किताब सत्य के मेरे प्रयोग अथवा आत्मकथा दी जायेगी। गांधीजी के सत्य के प्रयोग में गांधीजी कहते हैं कि कहने योग्य एक भी बात मैं छिपाऊँगा नहीं। पुस्तक की भूमिका में गांधीजी तुलसीदास की चौपाई के ज़रिए कहते हैं –
मो सम कौन कुटिल खल कामी।
तुम सौं कहा छिपी करुणामय, सबके अंतरजामी।
जो तन दियौ ताहि विसरायौ, ऐसौ नोन-हरामी।
भरि भरि द्रोह विषै कौं धावत, जैसे सूकर ग्रामी।
सुनि सतसंग होत जिय आलस, विषियिनि संग विसरामी।
श्रीहरि-चरन छांडि़ बिमुखनि की निसि-दिन करत गुलामी।
पापी परम, अधम, अपराधी, सब पतितनि मैं नामी।
आज सोशल मीडिया के ज़रिए गांधी जी से गोड़से को बड़ा बताने का कुचक्र जारी है। गांधी जी कहते हैं कि सत्य के शोधक को रजकरण से भी नीचे रहना पड़ता है। सारा संसार रजकणों को कुचलता है, पर सत्य का पुजारी तो जब तक इतना अल्प नहीं बनता कि रजकण भी उसे कुचल सके, तब तक उसके लिए स्वतंत्र सत्य की झांकी भी दुर्लभ है।
छत्तीसगढ़ में रोजग़ार मिशन के ज़रिए रोजग़ार देने की कोशिश हो रही है। छत्तीसगढ़ के 1.17 लाख युवाओं को बेरोजग़ारी भत्ता दिया जा रहा है। प्रदेश के वोटरों में बड़ा युवा वर्ग है। इस वजह से कांग्रेस और बीजेपी दोनों इन्हें साधने की कोशिश में लगी हुई है। प्रदेश के कुल वोटरों में 18 से 29 आयु वर्ग के वोटरों की संख्या करीब 40 लाख है, लिहाजा एक बड़ा फैक्टर है जिनका प्रभाव विधानसभा की 90 सीटों में है। वहीं इसी अभियान के तहत छत्तीसगढ़ कांग्रेस भी पीछे नहीं हटी है, युवा कांग्रेस भूपेश है तो भरोसा है अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के 50 लाख घरों में सर्वे करेगी। छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा है। युवा कांग्रेस एक फॉर्म के जरिए भूपेश बघेल की योजनाओं का घरों-घर जाकर सर्वे करेगी। यह सर्वे किस तरह से करना है इसका प्रशिक्षण छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा में आज से शुरू हो रहा है, जिसमें रायगढ़ लोकसभा से प्रशिक्षण की शुरुआत हो चुकी है। सरकार की योजना ग्रामीणों के लिए अलग है और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग है, लेकिन इस सर्वे का उद्देश्य है कि सरकार की योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के प्रत्येक लोगों को मिले। प्रशिक्षण के बाद युवा जनता कांग्रेस के कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ के सभी घरों में देखने को मिलेंगे।
पिछले साल 6 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक राज्य सरकार ने रायपुर से छत्तीसगढ़ी ओलंपिक की शुरुआत की थी, लेकिन इस साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए अपने सुपरहिट छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक को इस बार सरकार 1 महीने पहले जारी करने जा रही है। इस ओलंपिक में 3 वर्ग के लोगों को शामिल किया जाता है जिनमें पहला वर्ग 18 साल तक के बच्चों को दूसरा 18 से 40 साल के आयु वर्ग के लोगों को और तीसरा 40 से अधिक उम्र के लोगों को शामिल करते हैं जिसमें महिला व पुरुष दोनों ही वर्ग शामिल है। 14 खेलों को शामिल करने वाला या छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक राजीव युवा मितान क्लब से भी जुड़ा हुआ है। इससे साफ जाहिर होता है कि युवाओं को सरकार की योजना पहुंचाने का इससे सटीक साधन और दिखाई नहीं देता।
करीबन 10 महीने पहले छत्तीसगढ़ की बीजेपी पार्टी भाजयुमो में बदलाव करते हुए अध्यक्ष से लेकर सांगठनिक परिवर्तन किए जो कई वर्षों से एक ही पद पर जमे हुए थे। प्रदेश के हर प्रमुख जिले से नए लोगों की भर्ती की गई, युवाओं को साधने के लिए बीजेपी ने युवाओं से जुड़े मुद्दे को भी उठाया। जिनमें पीएससी भर्ती घोटाला बेरोजगारी भत्ता को लेकर प्रदर्शन जैसे मुद्दे शामिल है और इसी के तहत पिछले महीने भाजयुमो के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी रायपुर में एक बड़ा प्रदर्शन किया। केन्द्र की मोदी सरकार भी युवाओं को केन्द्रित कर कई योजनाएं चला रही है इनमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना काफी प्रभावी रही है। मोदी सरकार का फोकस युवाओं के लिए रोजगार के साथ ही स्वरोजगार भी रही है। पीएम मोदी ने अपनी सरकार के 8 साल पूरे होने पर कहा था देश की युवा शक्ति न्यू इंडिया का आधारस्तंभ है और बीते आठ वर्षों में हमने इसे सशक्त करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। नई शिक्षा नीति हो या आईआईटी और आईआईएम का विस्तार, नए स्टार्ट-अप्स और यूनिकॉर्न से लेकर खेलो इंडिया केंद्र तक इन सबके साथ युवाओं के लिए हर जरूरी पहल की गई है।
कुल मिलाकर सभी सरकार युवाओं को अपने खेमे में लाना चाहते हैं उनके लिए कई तरह की योजनाएं भी चलाई जा रही है लेकिन अभी भी ऐसा लगता है कि सरकारों की सोच सिर्फ वोट बैंक या समर्थक तैयार करने तक सीमित है नहीं तो सरकारी योजनाओं और युवाओं की सोच में इतना गैप नहीं होता। इस खाई को जो पाट सकेगा वहीं युवा मन पर असल में राज कर पाएगा और तभी देश में असल में युवा बदलाव के ध्वजावाहक बनते नजर आएंगे।