राजकुमार मल
Bhatapara दक्षिण भारत की चौतरफा खरीदी से उबल रहा आलू
Bhatapara भाटापारा— अनुमान से 12 लाख टन कम हुआ है आलू का उत्पादन। खरीददारी में जैसी प्राथमिकता तमिलनाडु को दी जा रही है, उसके बाद आलू की कीमत लगातार बढ़ रही है। प्याज की कीमत भले ही राहत दे रही हो लेकिन लहसून के तेवर उपभोक्ता ही नही विक्रेताओं को भी परेशानी में डाल रहे हैं।
आलू के भाव में मंदी की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। चौतरफा मांग के दबाव में आलू उत्पादक राज्यों की पहली प्राथमिकता अभी तमिलनाडु ही है, जो उत्पादन का लगभग 50 फीसद हिस्सा खरीदने की इच्छा न केवल व्यक्त कर चुका है बल्कि बड़ी मात्रा में नियमित खरीदी भी कर रहा है।
Bhatapara संकट की आहट
प्रमुख उत्पादक राज्यों में, कुल उत्पादन में 29 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है उत्तर प्रदेश। दूसरे नंबर पर 23% हिस्सेदारी रखने वाला पश्चिम बंगाल, 17% के साथ बिहार तीसरे नंबर पर और 8% के साथ मध्य प्रदेश चौथे नंबर पर है। शेष हिस्से में राजस्थान, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य आते हैं। प्रतिकूल मौसम के बाद इन राज्यों की कुल फसल में 12 लाख टन की कमी की आशंका है। ऐसे में कीमत मजबूत बनी हुई है।
Bhatapara दक्षिण भारत की चौतरफा खरीदी
आलू उत्पादक राज्य फिलहाल दक्षिण भारत की खरीदी को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि मांग की मात्रा और बोले जा रहे भाव, अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। ऐसे में मंडियों में पहुंच रही फसल की लगभग 50 फ़ीसदी खरीदी दक्षिण भारत के राज्य ही कर रहे हैं। शेष भारत को बची हुई फसल पर संतोष करना पड़ रहा है। ऐसे में तेज कीमत पर आलू पहुंच रहा है उपभोक्ताओं तक।
Bhatapara प्याज शांत, लहसुन गर्म
चौतरफा मांग के बाद होलसेल मार्केट में आलू गोल 22 रुपए किलो, आलू पहाड़ी 22 से 23 रुपए किलो जैसी ऊंचाई पर पहुंच गया है, तो प्याज 15 से 18 रुपए किलो पर स्थिर है। अलबत्ता लहसुन में हर सुबह नई कीमत बोली जा रही है, लहसुन बोल्ड 110 से 160 रुपए किलो और लहसुन लाडवा 100 से 150 रुपए किलो जैसी ऊंचाई पर पहुंचा हुआ है। मांग को देखते हुए अब कोल्ड स्टोर का माल आने लगा है।