Flowers Colorful : फूल हमेशा कलरफुल में ही क्यों खिलते हैं? उत्तर को सरल भाषा में समझें
शादी की पार्टी हो, त्योहार का अवसर हो या कोई अन्य फंक्शन, सजावट के लिए हर किसी की पहली पसंद फूल होते हैं। फूल घरों की शोभा बढ़ाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिन फूलों से आप घरों को सजाते हैं
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उनके रंग कहां से और कैसे उन फूलों को खूबसूरत बनाते हैं। इसके पीछे कुछ रसायन काम करते हैं, जो फूलों का रंग तय करते हैं।
वे रसायन क्या हैं
फूलों का रंग उनमें पाए जाने वाले कुछ रसायनों से निर्धारित होता है। जिनमें से सबसे आम रसायन एंथोसायनिन है। फूलों में पाया जाने वाला एंथोसायनिन नाम का यह वर्णक अलग-अलग रंगों का होता है।
इसके कई रंग हैं जैसे सफेद से लाल, लाल से नीला, नीला से पीला, पीला से बैंगनी, बैंगनी से काला और काला से भूरा। लेकिन पत्तियों को लेकर भ्रमित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इनमें पाया जाने वाला हरा रंग पत्तियों में मौजूद क्लोरोफिल वर्णक के कारण आता है।
और क्या कारण है
कैरोटेनॉयड्स नामक एक और रसायन है, जो फूलों के रंग के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन यह वर्णक केवल कुछ रंगों जैसे लाल, पीला और नारंगी के लिए जिम्मेदार होता है।
आपको बता दें कि इन्हीं पिगमेंट की वजह से फूलों को रंग मिलता है। लेकिन कुछ फूल ऐसे भी होते हैं जिनमें एंथ्रोसायनिन और कैरोटीनॉयड दोनों पाए जाते हैं।
इसके साथ ही कुछ बाहरी कारक भी फूलों के रंगों पर काम करते हैं, जैसे सूरज की रोशनी, वायुमंडलीय तापमान और मिट्टी का पीएच। ऐसे कई कारक हैं जो उनके रंग को प्रभावित करते हैं।
इतना ही नहीं, प्रकृति में कई अन्य वर्णक मौजूद हैं जो पौधों और पेड़ों में रंगों के लिए जिम्मेदार हैं।