Fighting Machine In India : भारतीय की सेनाओ को किन-किन मोर्चो पर लड़ने के लिए रहना होगा तैयार
भारत की फाइटिंग मशीन
Fighting Machine In India : रूस- यूक्रेन युध्द अभी चल ही रहा है। उधर ताइवान की चीन से तनानी भी चरम पर है। चीन की विस्तारवादी नीतियों से पूरी दुनिया वाकिफ है।
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इसी के चलते अब वो भारत की जासूसी करने की नीयत से अपने जहाज युआन- वांग- 5 को श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट पर भेजा है। इससे वो बड़ी ही
आसानी से भारत के तमाम सैन्य महत्व के ठिकानों और परमाणु केंद्र से लेकर श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के ठिकानों की जासूसी कर लेगा। भारत की सेनाएं इसको लेकर लगातार चौकसी बरत रही हैं।
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इतनी सारी चुनौतियों के बीच भारत सरकार अपनी सेनाओं का आधुनिकीकरण करने जा रही है।
भारत सरकार अपने सैनिकों को अब ऐसे हथियार और साजोसामान उपलब्ध कराने जा रही है। जैसे साजोसामान अमेरिकी सैनिकों को मिलते हैं। यही समय की मांग भी है।
इस बार अगर कहीं भी युध्द होता है तो भारतीय सेनाओं को तीन मोर्चों पर एक साथ युध्द करने के लिए तैयार रहना होगा।
एक साथ तीन-तीन मोर्चों पर लड़ाई यानि सामरिक तैयारियां भी पूरी होनी चाहिए। तभी तो किसी हमारे देश की सेना एक साथ तीन मोर्चों पर लड़ सकेगी ?
इन्हीं सारी बातों को ध्यान में रखते हुए डीआरडीओ ने स्वदेशी हथियारों और तमाम साजोसामानों के अनुसंधान और विकास पर जोर देना शुरू कर दिया है।
भारतीय सेनाओं के जवानों एफ – इंसास बनाया जा रहा है। उनके पास अब एके-203 अत्याधुनिक रायफल, बैलिस्टिक हेलमेट, नी- पैड, एल्बो- पैड, बुलेटप्रूफ जैकेट, नाइट विजन डिवाइस, निपुण जैसे खतरनाक डिवाइस भी दिए जा रहे हैं।
जवानों के पास बैलिस्टिक गॉगल्स भी हैं। कुल मिलाकर हमारी सेनाओं का सैनिक इतने साजोसामानों के साथ जब सीमा की ओर निकलेगा। तो वो सैनिक कम फाइटिंग मशीन ज्यादा लगेगा।
तभी तो हमारे जांबाज सैनिक एक साथ चीन, पाकिस्तान, नेपाल के साथ दो-दो हाथ कर सकेंगे ?
भारतीय जवानों का लोहा पूरी दुनिया मानती है। ऐसे में हमारी सेना का एक जवान दूसरी सेनाओं के दर्जन भर जवानों पर भी भारी पड़ेगा। भारत अब पहले वाला भारत नहीं रहा।
आज हिंद की सेना अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए किसी भी देश से टकराने का माद्दा रखती है। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की जिम्मेदारी अगर नए- नए हथियारों को बनाना और उपलब्ध कराना है।
तो हमारे देश के हर सैनिक के सामने चुनौती है कि उनकोे एक बार में 3 अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर लड़ना होगा।
उस वक्त हमारी यही तैयारी हमारे देश के काम आएगी। जितनी तेजी से भारत सरकार अपनी सेनाओं का आधुनिकीकरण कर रही है। उससे एक बात तो साफ है
कि कोई भी देश भारत की ओर आंख उठाने से पहले सौ बार सोचेगा।