दैनिक आज की जनधारा के गौरवमयी 34 वर्षों की यात्रा को और भी अविस्मरणीय बनाने के लिए, जनधारा समूह ने एक भव्य और प्रेरणादायी आयोजन के साथ भारत रत्न, स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में एक विशेष स्मारिका का प्रकाशन किया। यह स्मारिका अटल जी के भारतीय राष्ट्रवाद के प्रति मानवीय और संवेदनशील दृष्टिकोण को सुंदरता के साथ उजागर करती है, जो उनके दूरदर्शी व्यक्तित्व और राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट निष्ठा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती है। इस स्मारिका के माध्यम से, जनधारा समूह ने अटल जी के आदर्शों और मूल्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक सराहनीय प्रयास किया है।

इस ऐतिहासिक अवसर को और भी गरिमामय बनाने के लिए, जनधारा समूह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी से सौजन्य भेंट की और स्मारिका में उनके द्वारा अटल जी के विचार और संस्कृति पर लिखे लेख पर धन्यवाद ज्ञापित किया। इस हृदयस्पर्शी मुलाकात के दौरान, समूह ने उन्हें यह अनमोल स्मारिका भेंट की और उनके मार्गदर्शन व समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री जी ने इस स्मारिका को स्वीकार करते हुए, अटल जी के विचारों को संरक्षित करने के इस प्रयास की प्रशंसा की और जनधारा समूह की इस पहल को सार्थक बताया।

इस अवसर की महत्ता को और बढ़ाते हुए, जनधारा समूह ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री, डॉ. रमन सिंह जी से भी एक आत्मीय मुलाकात की और स्मारिका में अटल जी के व्यक्तित्व पर लिखे गए लेख पर उनका धन्यवाद किया। इस मुलाकात में, समूह ने उन्हें अटल जी के आदर्शों और सिद्धांतों से ओतप्रोत इस स्मारिका की एक प्रति भेंट की। डॉ. रमन सिंह ने इस स्मारिका की गहनता और इसके पीछे निहित भावना की सराहना की, साथ ही अटल जी के जीवन और उनके योगदान को जीवंत रखने के लिए जनधारा समूह के इस प्रयास को हृदय से स्वागत किया।

इस उत्सव को और भी विशेष बनाने के लिए, छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री, ओ.पी. चौधरी जी ने भी इस स्मारिका की प्रशंसा की। उन्होंने इस स्मारिका में संकलित अटल जी के विचारों और दर्शन की गहराई को रेखांकित करते हुए, जनधारा समूह को इस उल्लेखनीय कार्य के लिए अपनी शुभकामनाएँ दीं। उनके शब्दों ने इस आयोजन को और भी प्रेरणादायी बना दिया।
अटल जी के भारतीय समाज, राजनीति और पत्रकारिता में अमूल्य योगदान को रेखांकित करने के लिए, जनधारा समूह ने एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी का आयोजन किया, जो बौद्धिक विमर्श का एक जीवंत मंच साबित हुआ। इस संगोष्ठी में साहित्य और पत्रकारिता जगत के प्रख्यात हस्तियों ने हिस्सा लिया और अटल जी के बहुआयामी व्यक्तित्व पर अपने गहन विचार साझा किए। इस आयोजन में अटल जी के कवि, वक्ता, और दूरदर्शी नेता के रूप में उनके योगदान को न केवल याद किया गया, बल्कि उनके विचारों को आधुनिक संदर्भ में जीवंत करने का प्रयास भी किया गया।

इस संगोष्ठी में उपस्थित विशिष्ट व्यक्तियों में पूर्व आईएएस और साहित्यकार श्री सुशील त्रिवेदी, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार श्री भालचंद्र जोशी, श्री गिरीश पंकज, श्री अनिल द्विवेदी, और श्री विकास शर्मा शामिल थे। इन सभी गणमान्य व्यक्तियों को अटल जी पर आधारित इस स्मारिका की एक प्रति भेंट स्वरूप प्रदान की गई। संगोष्ठी के दौरान, इन विद्वानों ने अटल जी के जीवन, उनके काव्यात्मक रचनाओं, और उनकी राजनैतिक सूझबूझ पर अपने विचार व्यक्त किए, जो उपस्थित सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
यह संगोष्ठी अटल जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने का एक अनुपम अवसर थी। अटल जी के विचारों ने न केवल राजनीति को नई दिशा दी, बल्कि पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में भी एक अमिट छाप छोड़ी। इस आयोजन ने जनधारा समूह की सत्य, निष्ठा, और समाज के प्रति समर्पण की भावना को और भी मजबूत किया।