Crop Insurance रायपुर : किसान अब 31 जुलाई तक करा सकेंगे खरीफ फसलों का बीमा

  1. Crop Insurance ,रायपुर : किसान अब 31 जुलाई तक करा सकेंगे खरीफ फसलों का बीमा

  2. Crop Insurance ,छत्तीसगढ़ सरकार के आग्रह पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत नामांकन की तिथि बढ़ाकर 31 जुलाई की गई

मुख्यमंत्री ने Crop Insurance कराने से छूटे किसानों से खरीफ फसलों का बीमा कराने की अपील की

रायपुर, 16 जुलाई 2022

छत्तीसगढ़ सरकार के आग्रह पर खरीफ सीजन 2022 के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री Crop Insurance योजना के अंतर्गत नामांकन की तिथि 15 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी गई है।

aLSO READ  :https://jandhara24.com/news/106731/aamir-khan-chiranjeevi-wept-at-the-special-screening-of-lal-singh-chaddha-gave-this-reaction-on-the-film/

भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन आयुक्त को पत्र भेजकर इस संबंध में अवगत कराया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री Crop Insurance योजना के नामांकन की तिथि में वृद्धि के मद्देनजर प्रदेश के ऐसे किसानों से जो अब तक खरीफ और उद्यानिकी फसलों का बीमा नही करा पाए हैं, उनसे बीमा कराने की अपील की है।

Crop Insurance  योजना के नामांकन की तिथि बढ़ने से अब छत्तीसगढ़ के किसान 31 जुलाई तक अपनी खरीफ फसलों का बीमा करा सकेंगे।

राज्य में खरीफ 2022 के तहत धान सिंचित, धान असिंचित, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, मूंग, उड़द एवं तुअर (अरहर) फसल का बीमा कृषक करा सकते है। अऋणी कृषक जो भू-धारक व बटाईदार हो,

योजना में सम्मिलित हो सकते है। इस योजना अंतर्गत प्रावधानित जोखिम बाधिक रोपाई, स्थानीय आपदाएं, फसल कटाई उपरांत होने वाली क्षति तथा फसलवार पैदावार के आधार पर व्यापक क्षति अंतर्गत फसल क्षति हेतु दावा राशि का

भुगतान प्रावधानानुसार किया जाता है।

अधिसूचित फसल को बीमित कराने हेतु इच्छुक कृषक फसल बीमा हेतु 31 जुलाई 2022 तक नजदीकी बैंक या लोक सेवा केन्द्रों या बीमा कंपनी अथवा ग्रामीण पोस्ट ऑफिस में संपर्क कर अपनी फसल को बीमित करा सकते हैं।

Also read : 16, steel plant industry खरोरा तहसील के ग्राम चिचोली में स्टील प्लांट उद्योग लगने को लेकर पर्यावरण विभाग ने जनसुनवाई का आयोजन किया
खरीफ Crop Insurance के लिए किसानों को प्रीमियम राशि का 2 प्रतिशत और उद्यानिकी फसलों के बीमा के लिए प्रीमियम राशि का 5 प्रतिशत अंशदान के रूप में देना होता है।

किसान अपनी फसलों का बीमा कराकर प्राकृतिक आपदा एवं मौसम की अनिश्चितता के चलते होने वाली फसल हानि, उत्पादन में कमी की भरपाई मिलने वाली बीमा दावा राशि से कर सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU