जल संसाधन विभाग की बैठक में अफसरों को दिए कड़े निर्देश
रायपुर। बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में लुत्ती बांध टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जाएगी। सीएम ने कहा कि मैदानी अफसर और कर्मचारी नियमित निरीक्षण करने में गंभीर नहीं हैं, जिसकी वजह से यह स्थिति बनी।

बांधों की सुरक्षा पर विशेष जोर
साय ने मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए अधिकारियों को बांधों और सिंचाई परियोजनाओं का सतत निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का सख्ती से पालन किया जाए और जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने की बात कही। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि लक्षित और वास्तविक सिंचाई क्षमता के बीच का अंतर खत्म करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।
अधूरी योजनाएं जल्द करें पूरी
बैठक में सीएम ने बस्तर और सरगुजा संभाग की अधूरी सिंचाई योजनाओं को शीघ्र पूरा करने और निर्माणाधीन बड़ी परियोजनाओं को तय समय सीमा में खत्म करने पर बल दिया, ताकि किसानों को समय पर लाभ मिल सके।
1697 कार्य प्रगतिरत
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य में 4 वृहद परियोजनाएं, 357 लघु परियोजनाएं और 300 एनीकट सहित कुल 661 कार्य प्रगतिरत हैं। इसके अलावा 1036 जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहे हैं। इस तरह कुल 1697 परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिन पर करीब ₹8966 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, संयुक्त सचिव रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उईके समेत राज्यभर के मुख्य अभियंता मौजूद रहे।