रायपुर: राज्य के सूरजपुर, कोरिया और मुंगेली जिलों के विभिन्न ग्रामीण एवं दुर्गम क्षेत्रों में स्थापित सौर मिनी-ग्रिड एवं ऑफ-ग्रिड प्लांट आज पुनः पूर्ण क्षमता से कार्यशील कर दिए गए। पुरानी बैटरियों की क्षमता कम होने से ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हो रही थी। इसे देखते हुए क्रेडा ने प्राथमिकता के आधार पर सभी निर्दिष्ट स्थलों पर इन्वर्टर एवं नई उच्च क्षमता 2V बैटरियों की त्वरित आपूर्ति कर दी गई है।

जनजीवन एवं सुरक्षा प्रभावित सूरजपुर जिले के रिझनाबहार बस्ती में सौर ऊर्जा व्यवस्था पुनः संचालित- ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत
सूरजपुर जिले के सुरक्षा प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्र रिझनाबहार बस्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र को पुनः चालू कर दिया गया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दूरस्थ इलाकों में ऊर्जा पहुँचाने की प्राथमिकता के अनुरूप क्रेडा द्वारा त्वरित रूप से की गई।
बस्ती के लोगों द्वारा बिजली बाधित होने की सूचना मिलने के बाद क्रेडा की तकनीकी टीम ने तत्काल क्षेत्र का निरीक्षण कर पूरे सिस्टम-सोलर पैनल, बैटरी बैंक, चार्ज कंट्रोल यूनिट और वितरण तंत्र की मरम्मत एवं कार्यशीलता सुनिश्चित कर दी।

किन-किन स्थानों पर बैटरियाँ बदली गईं ?
आज जिन प्रमुख स्थानों पर नई बैटरी सप्लाई एवं प्लांट पुनर्संचालन हुआ, उनमें शामिल हैं-
जिला – कोरिया (RVE DDG परियोजना)
• रामगढ पनिकापारा – 60 बैटरी
• मजघावाखुर्द – 60 बैटरी
• पाथरगवां-04 – 60 बैटरी
• पथरगवां-03 – 48 बैटरी
• नटवाही बारपारा-02 – 48 बैटरी
• रामघर स्कूलपारा – 48 बैटरी
• देवटीडांड़-01 – 48 बैटरी
• जोगिया – 48 बैटरी

जिला – मुंगेली (RVE DDG परियोजना)
• अचानकमार (बाज़ार चौक) – 24 बैटरी
• अचानकमार सिस्टम नं.-06 (मंदिरपारा) – 48 बैटरी
इन सभी स्थानों पर बैटरी सप्लाई क्रेडा द्वारा आज सुनिश्चित की गई है।
क्रेडा अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सवन्नी-गुणवत्तायुक्त ऊर्जा आपूर्ति पर बल
क्रेडा के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सवन्नी ने कहा कि ग्रामीण एवं वनांचल क्षेत्रों में ऊर्जा की निरंतरता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने स्पष्ट किया- “क्रेडा का लक्ष्य केवल प्लांट स्थापित करना नहीं, बल्कि उनकी दीर्घकालिक गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है। बैटरी बदलने की यह कार्रवाई उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।“”
उनके निर्देश पर हर जिले में बैटरी की गुणवत्ता, क्षमता और सुरक्षा मानकों का विशेष परीक्षण किया गया।

क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश सिंह राणा ने इस बड़े पैमाने की सप्लाई और स्थापना प्रक्रिया का प्रशासनिक नेतृत्व संभाला। उन्होंने- जिलों में बैटरी वितरण की सुव्यवस्थित व्यवस्था,
तकनीकी टीमों की फील्ड तैनाती, समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने, और प्रत्येक स्थल पर कार्यशीलता पुनर्सत्यापित करने इत्यादि – सभी पहलुओं का प्रभावी समन्वय किया।
श्री राणा ने कहा- “सोलर प्लांट तभी मूल्यवान होते हैं जब वे बिना रुकावट सेवाएँ दें। अकार्यशील बैटरियों के स्थान पर नयी बैटरियों के स्थापना से गाँवों की ऊर्जा व्यवस्था और मजबूत होगी।“”

ग्रामीणों ने क्रेडा टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऊर्जा बहाल होने से उनकी दिनचर्या आसान हो गई है।
राज्य सरकार की प्राथमिकता-“हर गाँव में निर्बाध हरित ऊर्जा“ मुख्यमंत्री “ विष्णुदेव साय“ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ निरंतर इस दिशा में कार्य कर रहा है कि कोई भी ग्रामीण क्षेत्र ऊर्जा से वंचित न रहे।
कोरिया-मुंगेली-बिलासपुर में की गई यह त्वरित कार्रवाई उसी नीति का प्रभावी परिणाम है।
