छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी ने दी ‘शोले’ के ‘वीरू’ को श्रद्धांजलि…

हिंदी सिनेमा के महानायक, ‘ही-मैन’ और ‘गरम धर्म’ के नाम से मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र देओल का सोमवार तड़के लंबी बीमारी के बाद मुंबई स्थित उनके जुहू वाले घर पर निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से वे फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले हफ्ते से वेंटिलेटर पर थे।

8 दिसंबर 1935 को पंजाब के फगवारा के पास साहनेवाल गांव में जन्मे धर्मेंद्र (असली नाम: धर्म सिंह देओल) ने 1960 में फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। लेकिन असल पहचान उन्हें 1966 में ‘फूल और पत्थर’ से मिली, जब वे पहले ऐसे हीरो बने जिन्होंने फिल्म में बिना शर्ट के दृश्य किया। इसके बाद ‘आया सावन झूम के’, ‘शोले’, ‘चुपके चुपके’, ‘सीता और गीता’, ‘यमला पगला दीवाना’ जैसी सुपरहिट फिल्मों ने उन्हें ‘गरम धर्म’ और ‘ही-मैन’ का खिताब दिलाया।

छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी हिंदी सिनेमा के महानायक धर्मेंद्र देओल के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। सोसाइटी के अध्यक्ष सुभाष मिश्र ने अपने शोक संदेश में कहा “धर्मेंद्र जी का जाना एक युग का अंत है। दर्शक उन्हें ‘शोले’ के वीरू, ‘अनुपमा’ के संवेदनशील मोहन, ‘चुपके चुपके’ के मजेदार प्रोफेसर और ‘प्रतिज्ञा’ के जट यमला दीवाने के रूप में हमेशा याद रखेंगे। 64 साल तक उन्होंने जो ऊर्जा, जो सादगी और जो समर्पण सिनेमा को दिया, वह दुर्लभ है। उनका हर किरदार देश के गांव-गांव में आज भी जिंदा है। हम उनके परिवार, प्रशंसकों और पूरे सिने जगत के साथ हैं।”

पांच दशक लंबे करियर में उन्होंने 300 से अधिक फिल्में कीं। एक्शन, रोमांस, कॉमेडी और चरित्र भूमिकाएं – हर विधा में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। ‘शोले’ में वीरू का किरदार आज भी लोगों की जुबान पर है। 2012 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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