Chhattisagrh Special : मनुष्य का शरीर जिन पंच तत्वों से बना हुआ है वह सभी सिर्फ एक भगवान शब्द में ही समाहित है
Chhattisagrh Special :सक्ती /मनुष्य का शरीर जिन पंच तत्वों से बना हुआ है वह सभी सिर्फ एक भगवान शब्द में ही समाहित है, कहते हुए पुलिस अधीक्षक एम आर आहिरे ने बताया कि भ से भूमि, ग से गगन, व से वायु , अ से अग्नि, न से नीर याने क्षीति जल पावक
Chhattisagrh Special : गगन समीरा पंच रचित यह अधम शरीरा अर्थात जिन पांच तत्वों से यह शरीर बना है वही तत्व भगवान में भी शामिल हैं इसलिए कहा गया है कि मृत्यु उपरांत आत्मा शरीर त्याग कर पुन: भगवान याने परमात्मा में विलीन हो जाता है।
पुलिस अधीक्षक ने गायत्री शक्ति पीठ के सभागार में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर सांस्कृतिक विकास मंच व गायत्री परिवार के सायुज्य में कवि गोष्ठी एवम दीप यज्ञ आयोजन में मुख्य अतिथि के आसंदी से उपस्थित लोगों को शरद पूर्णिमा की बधाई दि
स्वागत उद्बोधन करते हुए एल आर जायसवाल ने स्वरचित कविता के माध्यम से शरद पूर्णिमा के आध्यात्मिक व पौराणिक महत्व को समझाते हुए सांस्कृतिक विकास मंच की भूमिका पर प्रकाश डाला।
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विशिष्ट अतिथि चितरंजय पटेल ने आयोजन को सफल बताते हुए कवियों के प्रस्तुति की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए स्वरचित कविता के माध्यम से मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए अभिनंदन पत्र भेंट किया।
कार्यक्रम संचालन करते हुए भगत राम साहू ने शक्ति पीठ के इतिहास पर प्रकाश डाला तो वहीं आभार प्रदर्शन करते हुए मंदिर के व्यवस्थापक राजकुमार पटेल ने मंचस्थ अतिथियों के साथ सभी भाइयों एवम् बहनों के प्रति आभार प्रगट किया।
कवि गोष्ठी में प्रमुख रूप से सुचिता साहू, गीता चंद्रा, अनीस अरमान, नरेंद्र वैष्णव, जी एल चौहान, रघुनाथ जायसवाल, रोशन पटेल आदि के द्वारा अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया तो वहीं दिनेश साहू, हरीश दूबे, अरविंद बरेठ ने वाद्ययंत्रों के साथ सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दि
आजोजन को सफल बनाने में गायत्री परिवार से मंदिर के परिव्राजक शिवचरण यादव, उदय वर्मा अधिवक्ता, विजय अग्रवाल, देवदत्त चंद्रा, भगवती साहू, रजनी बरेठ, संतोषी गुप्ता, सरोज जायसवाल, रीता पटेल, विमला चंद्रा, घनश्याम
जायसवाल, सरोज जायसवाल आदि के साथ सांस्कृतिक विकास मंच के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी रही।
आयोजन में शामिल सभी ने पूर्णिमा पर्व पर पूजन करते हुए राधा कृष्ण पूजन के साथ दीप यज्ञ हवन कर शरद पूर्णिमा के महा भोग खीर प्रसाद का भोग ग्रहण किया।