Mahasamund खल्लारी मेले के भीड़ ने कई वर्षों के रिकार्ड को तोड़े , श्रध्दालु भक्तो की उमड़ी सैलाब

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Mahasamund खल्लारी मेले के भीड़ ने कई वर्षों के रिकार्ड को तोड़े , श्रध्दालु भक्तो की उमड़ी सैलाब

    महासमुंद/ ऐतिहासिक धार्मिक दैवीय माता तीर्थ स्थल खल्लारी में प्रतिवर्ष अप्रैल माह के चैत्र पुर्णिमा में आयोजित वाली ऐतिहासिक चैत्र पुर्णिमा मेला देखने दूर – दूर से लोग इस बार भी खल्लारी भारी संख्या में पहुंचे थे। जहां इस वर्ष की ऐतिहातिहक भीड़ ने विगत कई वर्षों के रिकार्ड को तोड़ दिया है। वहीं इस बीच शांतिपुर्ण रूप से मेला का आयोजन सम्पन्न हुआ। मेले के दौरान पहाड़ा वाली खल्लारी मातेश्वरी और माता राऊर स्थित खल्लारी मातेश्वरी के दर्शन के लिये भी श्रध्दालु भक्तो की जबरदस्त भीड़ यहां मंदिर में भी उमडी।
           खल्लारी की चैत्र पुर्णिमा मेला सोमवार 22 अप्रैल से प्रारंभ हुई, जो शुक्रवार 26 अप्रैल तक चली है। इस दौरान मेले में ऐतिहासिक रिकार्ड तोड़ भीड़ 24 व 25 अप्रैल को देखने को मिला। इस दौरान सर्वाधिक भीड़ बुधवार 24 अप्रैल को रहा। जहां भीड़ इतना अधिक हो गया था कि लोग एक दुसरे से बिछड़ जा रहे थे। मेला देखने एक साथ खल्लारी आये बिछडे़ लोगों को सुबह तक एक दुसरे के इंतजार करना पडा तब जाके लोग साथ घर आ पाये। दूर गांव – गांवों से मेला देखने वाले लोग दूपहिया से लेकर चार पहिया वाहनों से भारी संख्या में पहुंचे थे। खल्लारी में मेला स्थल तक पहुचने के लिए यहां कुल तीन मार्ग है। जिसमें पहला नेशनल हाईवे 353 से मंदिर की ओर मुख्य सड़क मार्ग दो किलो मीटर, दुसरा बोईरगांव से दो किलो मीटर, तीसरा ग्राम पाली मार्ग से हैं।
ये सभी सड़क मार्ग सिंगल सड़क मार्ग है। जिन मार्गों में बुधवार 24 अप्रैल को को दो – दो किलो मीटर तक लोग मेला स्थल पहुंचने के बजाये जाम में फंसे रहे। पार्किंगों में गाडी रखने लायेग जगह नहीं रहा। जहां रास्तों में ही लोग अपने – अपने गाडीयों को खडे़ कर करीब दो किलो मीटर पैदल चल मेला स्थल पहुंच रहे थे। मेले में इस बार के बढ़ते ऐतिहासिक भीड़ को देखते हुये आगामी वर्ष के मेला को करीब एक सप्ताह हो ऐसे बात इन दिनों खुब चर्चा में है। ताकी जो भीड़ बेकाबु हो गया था।
वे नियंत्रण में रहे और जो लोग भारी संख्या में एक या दो दिन में पहुंच जाते है वे थोडा – थोडा करके एक सप्ताह तक चलेगा। वहीं भविष्य को देखते हुये मेला स्थल तक पहुंचने वाले तीनो मार्गो का चौडीकरण करना भी जरूरी है। ताकी आवागमन के दौरान इन मार्गों में कोई भी ना फंसे। इसके आलावा नेशनल हाईवे 353 से मंदिर की ओर जाने वाली महज दो किलो मीटर की सड़क मार्ग का डिवाईडर, चौंडीकरण व स्ट्रीट लाईट के सुशज्जित मार्ग निर्माण के मांग करते स्थानिय लोग थक गये हैं फिर भी लोगों के मांग को शासन प्रशासन नहीं कर पा रहा है। उक्त सिंगल सड़क मार्ग भी पुरी तरह से जर्जर की स्थिति में है।

मौत का कुआं, आकाश झुला रहा आकर्षण का केन्द्र

      मेला में मौत का कुआं, आकाश झुला, हवाई झुला, सुपर ड्रेगन, ब्रेक डांस झुला, टोरा डाॅसिंग झुला, मिक्की माॅऊस एवं बच्चों के लिए पानी में बोट, धुम मोटर सायंकल व रेल गाडी, हेलीकाॅटर झुला आदि मेले का विशेष आकर्षण का केन्द्र बना रहा। जहां मेले में इन आयोजनों के संचालक ऋषिकांत सिन्हा ने बताया की चैत्र पुर्णिमा के ऐतिहासिक खल्लारी मेला में इस बार भी मौत का कुआं में मारूती कार और मोटर सायंकलों का एक साथ रेशों में हैरत अंगेज कारनामा में  3 कार, 1 बुलेट, 2 याहमा मोटर सायंकल का जबरदस्त रोचक खेल दिखाये गये हैं। जहां मेला स्थल में लगे आकाश झुला व मौत का कुआं पिछले वर्षों के अपेक्षा से काफी बडा लगाया गया था। उक्त आकाश झुले की उंचाई 87 फिट है। जिसमें कुल 28 कुर्सी थे। वहीं इनमें लाईटों का बहुत सुंदर साज सज्जा से मेला स्थल रात्रि पर काफी आकर्षक दिखता था।

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