आदिवासी नेता की जेल में मौत के विरोध में बंद रहा चारामा… व्यापारियो का मिला समर्थन

बंद को सफल बनाने सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य सुबह से देर शाम तक नगर में भ्रमण भी करते रहे. देर शाम समाज की ओर से राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी चारामा को ज्ञापन सौपा गया.

जिसमे समाज की ओर से मामले का विवरण देते हुए फर्जी वन अधिकार पट्टा कैसे बना, तहसीलदार द्वारा ऋण पुस्तिका जारी करने और उस पर लैम्पस से ऋण दिये जाने, जेल अभिरक्षा में जीवन ठाकुर की हुई संदेहास्पद मृत्यु अधिकारियों की मिली भगत राजनीतिक दवाब, और उन पर लगाये गये आरोप एवं प्रशासनिक लापरवाही जैसे 10 बिंदुओं पर ज्ञापन सौपकर निष्पक्ष जाँच की मांग की।

वहीं समाज के द्वारा आकोश व्यक्त करते हुए कहाँ कि लगातार समाज के द्वारा ज्ञापन पर ज्ञापन दिया जा रहा है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है और यह अंतिम ज्ञापन है। अगर इसके बाद भी निष्पक्ष जाँच नहीं होती है तो फिर समाज अपने अनुसार इस लडाई को सडक से लड़ेगा। जिसकी जवाबदारी जिला प्रशासन और राज्य सरकार की होगी। ज्ञापन सौपने के दौरान विजय ठाकुर गौतम कुंजाम, लक्ष्मीकांत गावडे, सौरन कुमार, अमित पोटाई, ललित गोटी पूर्णेश कावडे, रोहित नेताम, रोशन नेताम, मांझी श्रवण दरों सहित सैकड़ों की संख्या में समाज के लोगा उपस्थित रहे

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