Chandra Grahan : चंद्र ग्रहण पर 200 साल बाद वक्री हैं चार ग्रह, दुनिया में बन रहा है विनाशकारी योग
Chandra Grahan : सूर्य ग्रहण के बाद 8 नवंबर को देव दीपावली पर चंद्र ग्रहण की छाया रहेगी। यह दूसरा ग्रहण है जो 15 दिनों में दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण के चलते काशी में एक दिन पहले 7 नवंबर को देव दीपावली का आयोजन हो रहा है.
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Chandra Grahan : ज्योतिषियों के अनुसार एक तरफ दो ग्रहणों का प्रभाव नकारात्मक होता है। प्राकृतिक आपदाओं के साथ मौसम में बदलाव, भूकंप और आतंकवादी घटनाएं भी हो सकती हैं।
ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि महाभारत काल में लगने वाले सूर्य ग्रहण के दो सौ वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है। इसमें चार ग्रह वक्री हैं।
मंगल, शनि और सूर्य और राहु आमने-सामने आएंगे। भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है।
इसके साथ ही शनि कुम्भ में पंचम मिथुन राशि में नवम भाव में मंगल की युति विनाशकारी योग बना रही है। यह विश्व मंच के लिए अच्छे योग नहीं हैं।
शनि और मंगल के आमने-सामने होने से षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग बन रहे हैं। साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा। ऐसे में इस राशि के लोगों को खास ख्याल रखना होगा।
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काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्य एवं ज्योतिषी पं. दीपक मालवीय ने बताया कि देव दीपावली के दिन लगने वाले चंद्र ग्रहण के कारण इसका महत्व और भी बढ़ रहा है. चंद्र ग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले शुरू होगा।
ग्रहण दोपहर 2.41 बजे शुरू होगा और शाम 6.20 बजे तक चलेगा। भारत में चंद्र ग्रहण शाम 5.20 बजे से चंद्रोदय के साथ दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण मेष राशि में होगा और सूतक सुबह 8.20 बजे से शुरू होगा। जो शाम 6.20 बजे खत्म होगा।
पंडित मालवीय ने बताया कि अगर 15 दिन में दो ग्रहण पड़ते हैं तो प्राकृतिक आपदाएं आती हैं या मौसम में अचानक बड़ा बदलाव आ सकता है.
तेज हवा के साथ आंधी, भूकंप या लैंड स्लाइड की संभावना है। देश में तनाव और भय का माहौल भी हो सकता है। सीमा पर तनाव बढ़ सकता है। आतंकी घटनाएं बढ़ सकती हैं।
उन्होंने कहा कि किसी बात को लेकर प्रशासन में बेवजह का डर रहेगा और कहीं-कहीं दुर्घटनाएं भी बढ़ेंगी. औद्योगिक विकास कार्यों में गिरावट आ सकती है। बिजनेस क्लास में भी चिंता रहेगी।