रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले में कार्रवाई तेज हो गई है। सीबीआई ने CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि दोनों को लंच के बाद कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जा सकता है।
इस मामले में पहले ही सीबीआई ने टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार कर लिया था। आरोप है कि 2020 से 2022 के बीच हुई भर्ती परीक्षाओं में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य महत्वपूर्ण पदों के लिए चयन में धांधली की गई। टामन सोनवानी पर आरोप है कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों और कुछ वीआईपी लोगों के करीबियों को लाभ पहुंचाया।
क्या है पूरा मामला?
CGPSC की 2019 से 2022 के बीच की भर्तियों में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। 2020 में 175 और 2021 में 171 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। 2022 में हुई प्री-एग्जाम में 2,565 अभ्यर्थी पास हुए, जबकि मई 2022 में हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की। इसके बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की फाइनल सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई।
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आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रिश्तेदारों, कांग्रेसी नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों को भर्ती करवाया। इन आरोपों के आधार पर ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनियमितता का मामला दर्ज किया था।
जांच और गिरफ्तारियां
सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की और अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। नितेश सोनवानी और ललित गनवीर की गिरफ्तारी के बाद जांच और गहराई तक पहुंच गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी कई बड़े नाम इस मामले में सामने आ सकते हैं।
क्यों है ये मामला महत्वपूर्ण?
CGPSC की भर्तियों में गड़बड़ी से न केवल चयन प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं, बल्कि युवा उम्मीदवारों का विश्वास भी डगमगाया है। मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई से ही इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सकती है।