प्रारंभ होगा चातुर्मास
सक्ती। देवशयनी एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल देव उठानी एकादशी के आते तक नहीं हो पाएंगे। विवाह, गृह प्रवेश एवं वाकदान, विग्रह प्रतिष्ठा आदि ।
देवशयनी एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल देव उठानी एकादशी तक नहीं हो पाएंगे मांगलिक कार्य। 6 जुलाई से देवशयनी एकादशी प्रारंभ होने से भगवान श्री नारायण योग निद्रा में रहेंगे वहीं दूसरी ओर चातुर्मास प्रारंभ होने पर भगवान श्री भोलेनाथ संपूर्ण विश्व के परिपालन एवं कल्याण का कार्य करेंगे।
श्रावण मास अर्थात श्रवण का माह सुनने का महीना, भगवान का संकीर्तन एवं कथा श्रवण करने का बहुत ही पवित्र माह द्य श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ की भक्ति और श्रवण संकीर्तन करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। चातुर्मास प्रारंभ होने पर, हमारे सनातन में अनेक प्रकार के के, व्रत उपवास एवं उत्सव संपन्न किए जाते हैं पूरे श्रावण मास में सभी शिवालयों मे असंख्य श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करते हैं और चातुर्मास प्रारम्भ होने पर गुरु पूर्णिमा, हल शष्ठी ब्रत, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, शारद नवरात्र ब्रत, दीपावली जैसे व्रत महोत्सव मनाया जाते हैं।
भगवान श्री नारायण के द्वादश अक्षर मन्त्र का अनेक बार उच्चारण करते रहना चाहिए। आचार्य राजेन्द्र महाराज ने बताया कि नाम उच्चारण करने पर भगवान की कृपा भरी दृष्टि नाम लेने वाले पर बनी रहती है। कलयुग में केवल नाम का ही आधार है।