Brand Modi : ब्रांड मोदी आज भी विपक्ष के लिए पहेली, लेकिन स्थानीय मुद्दे चुनौती…

Brand Modi : ब्रांड मोदी आज भी विपक्ष के लिए पहेली, लेकिन स्थानीय मुद्दे चुनौती...

Brand Modi : ब्रांड मोदी आज भी विपक्ष के लिए पहेली, लेकिन स्थानीय मुद्दे चुनौती…

Brand Modi : दिल्ली नगर निगम और गुजरात-हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों ने मिशन 2024 के संदर्भ में कई राजनीतिक संदेश दिए हैं। इसमें पहला संदेश यह है कि ब्रांड मोदी अभी भी विपक्ष के लिए एक पहेली है।

TOP 10 News Today 10 December 2022 : आलाकमान तय करेगा हिमाचल का सीएम, गुजरात बीजेपी विधायक दल की बैठक आज, देश में कैंसर से हर घंटे 159 मौतें, भारत में 20 फीसदी मरीज, समेत तमाम बड़ी खबरे

Brand Modi :पिछले आठ साल से ब्रांड मोदी के सामने कांग्रेस को झुकाने के लिए आम आदमी पार्टी के रूप में दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है. बहरहाल, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के नतीजों ने भाजपा की अपराजेय छवि को ठेस पहुंचाई है

और यह साबित कर दिया है कि भाजपा के हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और विकास को स्थानीय मुद्दों के बल पर ही तोड़ा जा सकता है।

Labor Welfare Board Chhattisgarh पूंजीपथरा में आज 9 दिसंबर को संपन्न हुई किसान श्रमिक अधिकार पदयात्रा

बीजेपी भले ही हिमाचल की डेढ़ दशक पुरानी सत्ता और दिल्ली नगर निगम से हाथ धो बैठी हो, लेकिन बीजेपी के मिशन 2024 की संभावनाओं पर इसका असर पड़ता नहीं दिख रहा है. इसका कारण है

Brand Modi : ब्रांड मोदी आज भी विपक्ष के लिए पहेली, लेकिन स्थानीय मुद्दे चुनौती...
Brand Modi : ब्रांड मोदी आज भी विपक्ष के लिए पहेली, लेकिन स्थानीय मुद्दे चुनौती…

ब्रांड मोदी की मजबूती और विश्वसनीयता बनी रहना. पिछले आठ सालों से चुनाव में पीएम मोदी के ट्रंप कार्ड होने और कांग्रेस का विकल्प बनने की आप की अवधारणा के साथ।

Rashifal 10 December 2022 : सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज शनिवार का दिन…जानिए

आप के विस्तार की संभावना ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की संभावना को ही बढ़ा दिया है। फिर गौर करने वाली बात यह है कि एक समय में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद बीजेपी को दिल्ली नगर निगम और हिमाचल प्रदेश

चुनाव में वोट प्रतिशत और सीटों के लिहाज से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. हिमाचल में कांग्रेस को बीजेपी से महज 37974 वोट ज्यादा मिले थे, जबकि दिल्ली नगर निगम में बीजेपी के पास सौ से ज्यादा सीटें हैं.

कांग्रेस की जीत का कारण पुरानी पेंशन योजना भी है.
पिछले आठ सालों में जिस भी पार्टी ने बीजेपी के राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और विकास को राज्य की अस्मिता और स्थानीय मुद्दों के सहारे लड़ा है, उसे सफलता मिली है. हिमाचल प्रदेश और दिल्ली निगम चुनाव के नतीजों ने यह साबित कर दिया है।

हिमाचल में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना, बेरोजगारी जैसे स्थानीय मुद्दों को लेकर बीजेपी से मुकाबला कर जीत हासिल की. इससे पहले भी दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में क्षत्रप स्थानीय मुद्दों के दम पर ही बीजेपी को मात देने में कामयाब रहे हैं.

Brand Modi : ब्रांड मोदी आज भी विपक्ष के लिए पहेली, लेकिन स्थानीय मुद्दे चुनौती...
Brand Modi : ब्रांड मोदी आज भी विपक्ष के लिए पहेली, लेकिन स्थानीय मुद्दे चुनौती…

विपक्षी एकता की राह में संकट
नतीजों ने विपक्ष को अपने नेतृत्व में एकजुट करने की कांग्रेस की इच्छा को भी एक बड़ी चुनौती दी है। केजरीवाल, ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव पहले ही कांग्रेस के नेतृत्व को खारिज कर चुके हैं। फिर अगर कांग्रेस ने हिम्मत दिखाई तो आप

से समझौता करना बहुत मुश्किल हो जाएगा. आप उसे दिल्ली, पंजाब में सीटें नहीं देना चाहेगी, इसके उलट वह गुजरात में ज्यादा सीटें हासिल करने की कोशिश करेगी और मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में भी सीटें जीतेगी.

जहां बिलकिस बानो रहती थीं वहां से बीजेपी जीत गई
अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बिलकिस बानो गैंगरेप का मामला जोर-शोर से उठा था। वजह थी दोषियों की जेल से समय से पहले रिहाई।

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की, लेकिन मतदाताओं पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. लिमखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने जीत हासिल की है,

जहां कभी बिलकिस बानो रहती थीं. आदिवासी बहुल दहोज जिले के इस क्षेत्र से भाजपा के मौजूदा विधायक शैलेश भाभोर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आप के नरेश बारिया को 4,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया।

कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर रही है और उसे महज 8 हजार वोट मिले थे। इसी के चलते कुछ विश्लेषकों ने कहा था कि यहां के मुसलमान कांग्रेस का समर्थन करेंगे.

इस चुनाव में पाटीदार फिर बीजेपी के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि इस चुनाव में बीजेपी को पाटीदार समुदाय का समर्थन मिला है. 2017 के चुनाव में पाटीदार बीजेपी से दूर हो गए थे.

पाटीदार बहुल सूरत में आम आदमी पार्टी को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन वहां इस समुदाय को सत्ताधारी पार्टी का समर्थन मिला.

कांग्रेस के सामने दोहरी मुसीबत
पिछले आठ साल से ब्रांड मोदी को मात देने में जुटी कांग्रेस के सामने भाजपा के बाद अब आप के रूप में एक नई चुनौती खड़ी हो गई है.

गुजरात में उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराकर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने वाली आप भविष्य में कांग्रेस के लिए एक चुनौती है। गौरतलब है

कि आप बीजेपी के बजाय कांग्रेस की कीमत पर विस्तार कर रही है। ऐसे में मिशन 2024 के लिए कांग्रेस को बीजेपी के साथ आप के रूप में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा.

आने वाले चुनाव में कांग्रेस का लिटमस टेस्ट होगा
चार साल बाद सत्ता का सूखा खत्म होने के बावजूद कांग्रेस की चुनौती कम होने के बजाय और बढ़ी है. अगले साल 2024 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं।

अगर कांग्रेस इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई तो विपक्ष का नेतृत्व करने की उसकी इच्छा पर ग्रहण लग जाएगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU