ऊंची दर पर हो रही खरीदी
राजकुमार मल
भाटापारा- टेंडर हाई, तो रेट पीछे क्यों रहता ? इसलिए चंदन की लकड़ी रिकॉर्ड 1200 से 2000 रुपए किलो की ऊंचाई पर पहुंची हुई है। कमोबेश चंदन पाउडर में भी ऐसी ही स्थिति बन चुकी है।
पूजा पाठ की सामग्रियों में अहम चंदन, बंदन, रोली और गुलाल की कीमत भक्तों को तो नहीं लेकिन खुदरा बाजार को जरूर हैरान कर रहीं हैं। विकल्प कोई है नहीं इसलिए ऊंची दर पर संस्थानें इन सामग्रियों की खरीदी कर रहीं हैंं।
दबाव मांग का
देश स्तर पर मांग के दबाव में है कर्नाटक। चंदन की व्यावसायिक खेती के लिए यह राज्य अग्रणी माना जाता है। इस बार चंदन की लकड़ी की जो कीमत लगाई गई, उसके बाद खुले बाजार को चंदन की लकड़ी की प्रति किलो कीमत 1200 से 2000 रुपए तय करनी पड़ी। इसी तरह चंदन पाउडर का भाव 600 से 1600 रुपए किलो करना पड़ा। इसके बावजूद मंदिरों, देवालयों और भक्तों की मांग बनी हुई है।
पीछे यह भी नहीं
चंदन जैसी मांग बंदन में भी बनी हुई है। तेजी के बाद यह 300 से 500 रुपए किलो पर मजबूत है। पर्व और उत्सव पर मांग रहती ही है। मंगलवार और शनिवार को बंदन की खरीदी विशेष रहती है। इसलिए निरंतर मांग ने तेजी को मजबूती दी हुई है। डिमांड इस बार कीर्तिमान बना सकती है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र खरीदी में शहर से आगे बढ़ता नजर आ रहा है।
सहयोग इनका भी
रोली और गुलाल भी मांग में बने हुए हैं। घरेलू उपयोग तो रहता ही आया है लेकिन इस बार हर मंदिर में होने वाले आयोजनों ने इन दोनों की मौजूदगी अहम बना दी है। चंदन और बंदन की तुलना में कीमत दोनों की कम ही है लेकिन खुदरा बाजार रोली में प्रति किलो कीमत 250 से 400 रुपए को ज्यादा मान रहा है जबकि 80 से 150 रुपए किलो कीमत पर गुलाल साधारण मांग में है।