Bhatapara news- लाई तेजी की खबर लेकर आई!

असर लड्डू-पापड़ी के बाजार पर

राजकुमार मल
भाटापारा। भरपूर मांग ने लाई और मुरमुरा बाजार में दस्तक दे दी है। तेज कीमत के बावजूद लाई में जैसी मांग निकल रही है, उसमें होलसेल काउंटर हैरत में है। अलबत्ता मुरमुरा बीते साल की ही कीमत पर स्थिर है।
मकर संक्रांति की मांग के साथ मुरमुरा और लाई में गर्मी आने लगी है। इसमें सर्वाधिक हिस्सेदारी ग्रामीण क्षेत्र की देखी जा रही है। बीते साल की तुलना में मांग को लेकर जैसा रुझान बना हुआ है, उसे देखते हुए लड्डू और पापड़ी बनाने वाली इकाईयों ने विशेष तैयारी की हुई है ताकि मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहे।

बेहद गर्म लाई
53 से 54 रुपए किलो। लाई में यह गर्मी बाजार को हैरान किए हुए है क्योंकि बीते साल इसकी कीमत आधी ही थी। राहत वह मुरमुरा दे रहा है, जो 28 से 29 रुपए किलो पर शांत है। इकाइयों का कहना है कि लाई क्वालिटी का धान इस बार बेहद ऊंची कीमत लिए हुए हैं, इसलिए लाई में उत्पादन, लागत और तैयार सामग्री लगभग दोगुनी कीमत पर पहुंच रही है। अलबत्ता मुरमुरा बीते साल की स्थिति में शांत है।
बदला स्वरूप बाजार का
लाई और मुरमुरा में कीमत को लेकर जो स्थिति बनी हुई है, उसके बाद लड्डू और पापड़ी बनाने वाली इकाईयों ने किलो की बजाय प्रति नग और प्रति पैकेट के हिसाब से बिक्री की व्यवस्था प्रभावी कर दी है। जिसके अनुसार 20 नग मुरमुरा लड्डू के पैकेट 30 रुपए में बेचे जा रहे हैं। कमोबेश इतनी ही संख्या और कीमत लाई के लड्डू में भी बताई जा रही है। अलबत्ता काली तिल का लड्डू 80 रुपए प्रति 250 ग्राम पर मजबूत है।
संकेत तेजी के
लाई और मुरमुरा उत्पादन करने वाली इकाईयों का कहना है कि दोनों के लिए जरूरी गुणवत्ता वाला धान या फिर चावल की खरीदी, इस बार डेढ़ गुना ज्यादा रकम देकर करनी पड़ रही है। इसलिए पूरे साल कीमत में तेजी बने रहने की आशंका है क्योंकि लाई और मुरमुरा क्वालिटी के धान की खेती करना छत्तीसगढ़ के किसानों ने छोड़ दिया है।

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