Balodabazar violence: एमएलए देवेंद्र यादव की जमानत पर फैसला सुरक्षित

एमएलए देवेंद्र यादव की जमानत पर फैसला सुरक्षित

वकील बोले- हिंसा के दौरान मौजूद नहीं थे विधायक, शासन ने कहा-भाषण देकर लोगों को भडक़ाया

बिलासपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान उनके वकील ने उन्हें झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया तो वहीं शासन की तरफ से देवेंद्र यादव पर हिंसा भडक़ाने का आरोप लगाया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एनके व्यास ने फैसला आदेश के लिए सुरक्षित रखा है।

हिंसा के केस में विधायक को बनाया आरोपी
दरअसल, पुलिस ने बलौदाबाजार हिंसा के केस में विधायक देवेंद्र यादव को आरोपी बनाया है। इस मामले में पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव की जमानत लोअर कोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उनके वकील ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। इधर, केस में देवेंद्र यादव और ओमप्रकाश बंजारे के खिलाफ पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में 449 पेज का चालान पेश किया है। आगजनी, तोडफ़ोड़ और हिंसक प्रदर्शन मामले में आरोपी बनाया है।
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17 अगस्त को हुई थी गिरफ्तारी
विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी 17 अगस्त को भिलाई से हुई। इसके बाद से लगातार न्यायिक रिमांड बढ़ी। वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। इस बीच उन्होंने जमानत के लिए कई बार अर्जी लगाई। लेकिन, जमानत नहीं मिल पाई।

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देवेंद्र पर भीड़ को उकसाने का आरोप
विधायक देवेंद्र यादव पर हिंसा भडक़ाने का आरोप है। पुलिस का दावा है कि देवेंद्र के खिलाफ पर्याप्त सबूत और गवाह है। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी है। इसको आधार बनाकर उन्हें हिंसा भडक़ाने के लिए आरोपी बनाया गया है।

वकील बोले- झूठे आरोप में फंसा रही पुलिस
विधायक देवेंद्र यादव के वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि, उनके क्लाइंट का इस घटना से कोई संबंध नहीं है। पुलिस उन्हें झूठे केस में फंसा रही है। वकील ने कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते देवेंद्र यादव को आरोपी बनाया गया है। जबकि, वो घटना के समय वहां मौजूद ही नहीं थे। न ही उनके खिलाफ पुलिस के पास कोई सबूत है। जबकि, शासन की तरफ से कहा गया कि जांच में हिंसा भडक़ाने में देवेंद्र यादव की भूमिका सामने आई है। उन्हें जमानत देने से मामले की जांच और गवाह प्रभावित हो सकते हैं। लिहाजा, शासन की तरफ से जमानत का विरोध किया गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।

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