Achanakmar Tiger Reserve : अचानकमार टाइगर रिजर्व के अपराधियों का थानेदार खोजी डाग नेरो ने ली अंतिम साँस
Achanakmar Tiger Reserve : बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व में अपराध नियंत्रण व अपराधियों को पकड़ने के लिए एटीआर प्रबंधन ने हैदराबाद से दो डाग खरीदे थे। 11 महीने की उम्र दोनों डाग को बिलासपुर लाने के बाद उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग देने के लिए ग्वालियर के टेकनपुर स्थित नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फार डाग भेजा गया। उनके साथ दो वनकर्मी भी हैंडलर की ट्रेनिंग के लिए गए।
10 माह ट्रेनिंग के बाद अक्टूबर 2016 में नेरो व सिम्बा की पोस्टिंग हुई। इसके बाद फरवरी 2023 में दोनों रिटायर हुए। डेढ़ महीने पहले सिम्बा चल बसा। उसके बाद अब नेरो ने भी दम तोड़ दिया। बताया गया कि उम्रदराज नेरो दो- तीन दिन से ठीक से खाना नहीं खा रहा था। शनिवार को उसे अचानक दो बार उल्टी हुई और इसके बाद नेरो की मृत्यु हो गई। रविवार को अधिकारी व कर्मचारियों की मौजूदगी में नेराे का अंतिम संस्कार किया गया।
आठ साल की सेवाकाल में सुलझाए 47 प्रकरण
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Achanakmar Tiger Reserve : टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अनुसार नेरो का आठ साल की सेवाकाल थी। इस अवधि में उसने 47 प्रकरण सुलझाने में वन विभाग व पुलिस विभाग की मदद की की। इन प्रकरणों में तीन बाघ शिकार, सात तेंदुआ, चार हाथी व 27 प्रकरण गौर, भालू, चीतल, सांभर, नीलगाय व जंगली सूअर शिकार के शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस विभाग में दर्ज मर्डर व चोरी के छह प्रकरण को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।