Achanakmar Tiger Reserve अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस: एटीआर में गूंज रहा है बाघों की दहाड़,आइये पढ़े पूरी खबर
Achanakmar Tiger Reserve बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व से एक अच्छी खबर सामने आई है। यहां संख्या बढ़कर 10 हो गई है। अप्रैल में हुए फोर्थ फेस टाइगर सर्वे में दो नर और एक और मादा के होने की पुष्टि हुई है। अब एटीआर में सात बाघिन और तीन बाघ हो गए हैं। प्रबंधन इससे खुश है और यह मान रहा है कि आगे प्लानिंग पर जोर दिया जाए तो आंकड़ा बढ़ेगा।
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साल में दो बार गणना
Achanakmar Tiger Reserve राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के आदेश पर अन्य टाइगर रिजर्व की तरह अचानकमार टाइगर रिजर्व में भी साल में दो बार गणना होती है। जिसे फोर्थ फेस मानिटरिंग कहा जाता है। एक गणना सर्दी में तो दूसरी गर्मी के सीजन में होती है। इसी के तहत अप्रैल में गणना हुई थी। इस दौरान ग्रिड बनाकर ट्रैप कैमरे लगाए गए। करीब 25 दिनों तक कैमरे लगाकर टाइगर रिजर्व के पूरे क्षेत्र को कवर करने का प्रयास किया गया। इसके बाद कैमरे निकाल दिए गए। कैमरे में लगे चिप में कैद तस्वीरों को कम्यूटर में सेव किया गया। इसके बाद तस्वीरों के आधार पर प्रबंधन ने यह आंकलन किया कि टाइगर रिजर्व में कितने बाघ है। इसी आंकलन के दौरान 10 बाघ होने की पुष्टि हुई है। पूर्व में सात की जानकारी थी। जिनमें छह मादा और एक नर थे।
सात बाघिन और तीन बाघ
Achanakmar Tiger Reserve अब प्रबंधन ने जो रिपोर्ट साझा की है, उसके आधार पर संख्या 10 है। जिनमें सात बाघिन और तीन बाघ है। पूर्व में जारी आंकड़े के हिसाब से दो बाघ और एक बाघिन के बढ़ने की पुष्टि हुई है। यह एटीआर प्रबंधन के निरंतर बाघों की संख्या वृद्धि की दिशा में किए गए कार्यों और योजनाओं का परिणाम है। प्रबंधन यह मान रहा है कि यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा तो बेहतर परिणाम सामने आएंगे। आगे के लिए प्रबंधन ने ठोस प्लानिंग की है। जिनमें मुख्य रूप से मानिटरिंग एवं प्रबंधन का सुदृढ़ी करण के लिए नया टीसीपी और कारिडोर प्लान सहित नई कार्य योजना का निर्माण शामिल है।
बाघ बढ़ने से यह होगा लाभ
जंगल की उत्पादकता बढ़ेगी
इकोटूरिजम में वृद्धि होगी
अन्य देशों से आए सैलानी व वन्यजीव प्रेमियो की संख्या बढ़ेगी स्थानीय जनसमुदाय को अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगेवन्यजीव प्रेमी, वानिकी विद्यार्थी एंव रिसर्च स्कालर्स के लिए एक बेहतर विकल्प राज्य में ही उपलब्ध
इन उपायों से बढ़ रहा आंकड़ा
अचानकमार टाइगर रिजर्व के उप संचालक यूआर गणेश का कहना है कि बाघों की संख्या यू ही नहीं बढ़ी है। इसके पीछे एटीआर प्रबधन की कड़ी मेहनत और स्ट्रेटजी है।
जिसमे एक ओर जहा रिजर्व के कोर और बफर क्षेत्र के 108 बीटो में नियक्त पैदल गार्ड और परिसर रक्षकों द्वारा जीपीएस बेस्ड एम-स्ट्राइप मोबाइल एप द्वारा प्रतिदिन 10 किमी की पेट्रोलिंग की जाती है। वही कैमरा ट्रैप दैनिक चेकिंग कर बाघों सहित अन्य जानवरों की सटीक निगरानी सुनिश्चित होती है। बाघों की विशेष निगरानी के लिए एटीआर में एसटीपीएफ टीम भी गठित है।
जिनका मुख्य कार्य केवल बाघों की ट्रैकिंग करना है। इन सभी प्रकार की व्यवस्थाओं टेक्निकल मानिटरिंग के लिए कोटा में जीआईएस सेल भी स्थापित किया गया, जहां प्रत्येक सप्ताह और माह में प्राप्त सभी डाटा का एनालिसिस कर रिपोर्ट तैयार की जाती है। चारागाह विकास , ग्रीष्मकाल में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना , समय सीमा पर मुआवजा प्रकरण तैयार करना करना भी सार्थक है।
फिर कैद हुआ ब्लैक पैंथर
ग्रीष्मकालीन सर्वे के दौरान एटीआर मेलानिस्टिक लेपर्ड ( ब्लैक पैंथर ) की तस्वीर फिर से कैद हुई है। हालांकि टाइगर रिजर्व प्रबंधन इसे लेकर हैरान इसलिए नहीं है, क्योंकि पहले वह कैमरे में कैद हुआ है।
तेंदूए में मैलेनिन ज्यादा होने से इसका रंग काला दिखाई देता है। यह कोई दूसरी प्रजाति नहीं है। सबसे पहले 2011-12 में इसके बारे में जानकारी मिली थी। उस समय के अधिकारियों ने काले तेंदुए को लेकर जानकारी जुटाई।
इसमें यह बात सामने आई कि तेंदुए में मैलेनिन ज्यादा होने से यह काले रंग का दिखता है। तस्वीर में एक खास बात यह है कि काले रंग का पैंथर सामान्य रंग वाले पैंथर के साथ घूमते नजर आ रहा है।