AAP councilors: दिल्ली में आप के 3 पार्षद भाजपा में शामिल हुए

दिल्ली में आप के 3 पार्षद भाजपा में शामिल हुए

एमसीडी में अब दोनों पार्टियों के 115-115 मेंबर, इसी साल अप्रैल में मेयर चुनाव

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (एमसीडी) में भी भाजपा की सरकार बन सकती है। आम आदमी पार्टी के 3 पार्षद शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने वालों में एंड्रयूज गंज से पार्षद अनीता बसोया, आरके पुरम से पार्षद धर्मवीर और चपराना से पार्षद निखिल शामिल हैं। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उन्हें पार्टी में शामिल करवाया।

इनके अलावा आप के 4 नेताओं ने भी भाजपा जॉइन की। संदीप बसोया अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए। वे आप से नई दिल्ली के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। दिल्ली नगर निगम में कुल 250 पार्षद की सीटें हैं। इनमें आप के 121 पार्षदों में से 3 ने विधानसभा चुनाव जीता, यानी 118 पार्षद बचे। भाजपा के 120 पार्षदों में से 8 विधानसभा चुनाव जीते, यानी 112 बचे। अब 3 पार्षद के दलबदल के बाद आप का आंकड़ा 115 और भाजपा का आंकड़ा 115 यानी बराबर हो गया है।
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अप्रैल में एमसीडी के चुनाव होंगे

दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के मेयर का चुनाव इसी साल अप्रैल में होने वाले हैं। मेयर का पिछला चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था लेकिन कार्यकाल केवल 5 महीने का है। क्योंकि एमसीडी में हर साल अप्रैल में ही मेयर का चुनाव होता है। तब आप के महेश खिंची ने भाजपा के किशन लाल को 3 वोट से हराया था। तब 263 वोट डाले गए थे। खिंची को 133, लाल को 130 वोट मिले थे। 2 वोट अवैध हो गए थे।

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सचदेवा बोले- भ्रष्टाचारियों को सजा मिलेगी

आप के नेताओं को भाजपा में जॉइन कराने के बाद वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पिछली दिल्ली सरकार का चाहे शीश महल हो, शराब घोटाला हो, जल बोर्ड घोटाला हो, पैनिक बटन घोटाला हो, राशन कार्ड घोटाला हो या मोहल्ला क्लीनिक घोटाला हो। हर भ्रष्टाचारी को सजा मिलेगी।

फरवरी के अंत में बजट पेश होगा

ढाई साल से एमसीडी की सबसे पावरफुल बॉडी स्टैंडिंग कमेटी नहीं बन पाई है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उपराज्यपाल की स्पेशल परमिशन के बाद एमसीडी के कमिश्नर अश्विनी कुमार सदन के समक्ष बजट पेश करेंगे। सदन से मंजूरी के बाद हर हाल में फरवरी के आखिर तक बजट पारित कर दिया जाता है। निजी सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक 2025-26 का अनुमानित बजट करीब 17 हजार करोड़ का हो सकता है। हर साल दिसंबर में कमिश्नर बजट पेश होता है लेकिन इस बार स्टैंडिंग कमेटी नहीं बन पाने के कारण बजट पेश नहीं हो पाया था।

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