Aaj kee janadhaara : आज की जनधारा के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – आधुनिक भारत के राष्ट्रपिता ! हकीकत या चापलूसी

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Aaj kee janadhaara : आज की जनधारा के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – आधुनिक भारत के राष्ट्रपिता ! हकीकत या चापलूसी

Aaj kee janadhaara : हाल ही में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधुनिक भारत का राष्ट्रपिता बताया है। उनसे जब महात्मा गांधी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि देश के दो राष्ट्रपिता हैं।

Aaj kee janadhaara : देश के प्रधानमंत्री की तारीफ करना अमृता का अपना निजी मामला है, लेकिन उन्हें आधुनिक भारत के राष्ट्रपिता का दर्जा दे देना अतिश्योक्ति पूर्ण लगता है… कहीं न कहीं इसमें चापलपसी की बू भी आती है. अमृता ने आधुनिक भारत औऱ राष्ट्रपित दो शब्दों का जिक्र किया है.

Aaj kee janadhaara : महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा जाता है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सबसे पहले गांधीजी के लिए राष्ट्रपिता जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था. लेकिन किसी सरकारी दस्तावेज में इसका उल्लेख नहीं मिलता कि भारत सरकार ने बापू को राष्ट्रपिता का दर्जा दिया है. नेताजी के कहने के बाद देशवासियों का बापू के प्रति स्नेह और सम्मान का भाव राष्ट्रपिता शब्द के रूप में सामने आया था. जो अभी भी जारी है.

अमृता के बयान पर कांग्रेस के साथ-साथ महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने भी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. तुषार गांधी ने कहा है बापू आज के भारत से बहुत पहले ही विमुख हो गए होते.

तुषार गांधी यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा को आधिकारिक तौर पर मोदी को ‘मनुवादी हिंदू राष्ट्र भारत’ का जनक घोषित करने का प्रस्ताव पारित करना चाहिए.’’

साथियों अब आधुनिक भारत की अवधारणा को भी समझना होगा… फिर तय करना होगा कि क्या भारत आज जहां खड़ा है, उसके लिए हमारे प्रधानमंत्री मोदी का कितना योगदान है.. आजादी के पहले भारत में रेलवे लाइनों का और पोस्टल सेवा का विकास अंग्रेजों ने किया था, जो बाद में भारत को एक सूत्र में बांधने में बहुत अहम रोल अदा किया.

इसके बाद देश को आजादी मिली उस वक्त कई तरह की चुनौतियां देश के सामने थी. एक तरह देश को खड़े करना था, नेहरू के हाथों में देश की कमान सौंपने के पीछे भी उस वक्त के नेताओं की यही सोच रही होगी कि विश्व में हो हे बदलाव की वे बहुत बेहतर समझ रखते थे और वे इस बदलाव को भारत में लाने की सोच वे रखते थे…

नेहरू ने देश में कई बड़े उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों, बांधों आदि की नींव रखी.. उद्योग, आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान आज देश ही नहीं विश्वभर में अपनी शाख बना चुके हैं. इसरो, डीआरडीओ ने विश्वपटल में भारत का नाम ऊंचा किया है. हम जब आधुनिक भारत की बात करते हैं तब हम नेहरू कालीन या आजादी के शुरुआती 25 साल में स्थापित संस्थानों की सफलता की करते हैं…

इसके बाद इंदिरा, राजीव, पीवी नरसिम्भा राव, अटलजी और मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमंत्री भी आए जिनके कार्यकाल में कई ऐसे कदम उठाए गए जो भारत को आधुनिक बनाने के दिशा में कारगर साबित हुए…ऐसे में नरेन्द्र मोदी को किस आधार पर ये उपमा अमृता देना चाहती है, ये उनके विवेक पर ही छोड़ देते हैं.

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