प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार, 21 नवंबर 2025 को कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंगाल और झारखंड के कुल 44 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान एजेंसी को 14 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, सोना-गहने, कई कंपनियों के बही खाते, जमीन सौदों से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद हुए। इन दस्तावेजों को कोयला सिंडिकेट के संचालन से जुड़ा बताया जा रहा है।

झारखंड में 20 और बंगाल में 24 ठिकानों पर छापा
झारखंड में ED ने धनबाद और दुमका में करीब 20 लोकेशंस पर रेड की। ये ठिकाने लाल बहादुर सिंह, अनिल गोयल, संजय खेमा, अमर मंडल और इनके करीबियों से जुड़े बताए जाते हैं।
पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता के 24 स्थानों पर छापेमारी हुई।
यहाँ कार्रवाई घरों, दफ्तरों, कोक प्लांट्स और अवैध टोल वसूली केंद्रों पर की गई। ये ठिकाने नरेंद्र खड़का, कृष्ण मुरारी कायल, युधिष्ठिर घोष, राज किशोर यादव, लोकेश सिंह, चिन्मय मंडल, निरद बरन मंडल सहित कई अन्य लोगों से जुड़े माने जा रहे हैं।
इस पूरी कार्रवाई में 100 से अधिक ED अधिकारी शामिल थे और सुरक्षा के लिए CRPF की टीमें तैनात की गईं।

कई FIR पर आधारित है ED की जांच
ED की जांच पश्चिम बंगाल और झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई उन FIR पर आधारित है, जिनमें अवैध कोयला खनन और तस्करी का आरोप है।
जांच में सामने आया कि एक बड़ा नेटवर्क झारखंड से कोयला चोरी कर बिना वैध दस्तावेज के बंगाल भेजता था। रेड में मिले कागजात इन आशंकाओं की पुष्टि करते हैं।

क्या मिला छापेमारी में?
छापे के दौरान ED को—
- अवैध वसूली के हिसाब वाली डायरी और रजिस्टर
- जमीन खरीदी-बिक्री के एग्रीमेंट
- कंपनियों के बही-खाते
- डिजिटल डिवाइस
- सोना और नकदी
- तीन कोक प्लांट्स में 7.9 लाख मीट्रिक टन अवैध कोयला
—जैसी अहम सामग्री मिली।
ED के अनुसार, इन दस्तावेजों से स्पष्ट है कि कोयला सिंडिकेट को स्थानीय स्तर पर भी संरक्षण मिल रहा था।
एजेंसी ने कहा है कि जांच जारी रहेगी और आने वाले दिनों में और बड़ी कार्रवाई हो सकती है।