मुठभेड़ से 7 दिन पहले गृहमंत्री विजय शर्मा ने मां से की थी मुलाक़ात

आंध्र प्रदेश। छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर स्थित अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिल्ली इलाके में मंगलवार सुबह स्पेशल ग्रेहाउंड फोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। इस कार्रवाई में अब तक छह नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मृतकों में नक्सल मिलिट्री विंग PLGA बटालियन नंबर-1 का प्रमुख और केंद्रीय समिति सदस्य माडवी हिडमा तथा उसकी पत्नी भी शामिल हैं।

यह मुठभेड़ ऐसे समय हुई है जब ठीक सात दिन पहले छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा हिडमा के गांव पूवर्ती पहुंचे थे। वहां उन्होंने उसकी मां से मुलाकात कर बेटे को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की सलाह देने को कहा था।

मंगलवार को हुए ऑपरेशन में मारे गए नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनमें हिडमा की पत्नी और डिविजनल कमेटी मेंबर राजे (राजक्का), सब जोनल कमेटी मेंबर चेल्लुरी नारायण उर्फ सुरेश और टेक शंकर शामिल हैं। दो अन्य नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।

हिडमा को नक्सली संगठन का सबसे कुख्यात और रणनीतिक कमांडर माना जाता था। 43 वर्षीय माडवी हिडमा, जिसका वास्तविक नाम संतोष था, पर कम से कम 26 बड़े नक्सली हमलों में शामिल होने के आरोप थे। इसमें 2013 का दरभा घाटी नरसंहार और 2017 का सुकमा हमला भी शामिल है। सुकमा जिले के पूवर्ति गांव में जन्मा हिडमा पीएलजीए बटालियन नंबर-1 का प्रमुख था और CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य भी रहा। वह बस्तर क्षेत्र से इस उच्च नेतृत्व में जगह बनाने वाला एकमात्र आदिवासी था।

उसकी रणनीति, हमलों की योजना और संगठन में प्रभाव के कारण उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। बताया जाता है कि वह आमतौर पर 200 से 250 सशस्त्र नक्सलियों के सुरक्षा घेरे में रहता था। हिडमा लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर था और उसकी मौत को नक्सल नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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