:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :-मुस्लिम समाज द्वारा किये जा रहे मुतवल्ली चुनाव को लेकर वक्फ बोर्ड ने तगड़ा झटका देते हुवे चुनाव होने पर चुनाव को मान्यता नही दिए जाने का आदेश जारी किया गया है । वक्फ बोर्ड के इस निर्णय से 4 दिनों बाद 9 नवम्बर को होने वाले चुनाव मुतवल्ली चुनाव की संवैधानिकता पर प्रश्न चिन्ह लग गया है । ज्ञातव्य ह्यो की मुतवल्ली चुनाव की पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर लिए जाने के बाद 3 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे व आगामी 9 नवम्बर को चुनाव सम्पन्न होने था । इस चुनाव के विरोध में कुछ लोगों ने वक्फ बोर्ड को इस चुनाव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद वक्फ बोर्ड द्वारा उक्त आदेश जारी किया गया है ।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सरायपाली मुस्लिम समाज द्वारा मुतवल्ली का कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही चुनावी हलचल तेज हो गई थी । मुस्लिम समाज द्वारा मुतवल्ली चुनाव हेतु चुनाव समिति का गठन कर चुनावी प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई थी । प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 3 प्रत्याशी क्रमशः अब्दुल नईम लखानी , मोहम्मद अनीस व मोहम्मद जमील चुनावी मैदान में थे । आगामी 9 नवम्बर को मस्जिद परिसर के पार्किंग स्थल पर मतदान किया जाना था ।
इस चुनाव समिति के चुनावी कार्यक्रम को लेकर कुछ सामाजिक लोगों ने यह कह कर विरोध किया कि वक्फ बोर्ड के मार्गनिर्देशन जे अनुरूप चुनाव नही कराया जा रहा है । इसे देखते हुवे वक्फ बोर्ड के सीईओ द्वारा पत्र क्रमांक पंजीयन/आडिट/2251/2025 दिनांक 3/11/24-25 को एक आदेश पत्र जारी करते हुवे कहा गया है कि
मुस्लिमं जमात सुन्नी मस्जिद ट्रस्ट सरायपाली के मुतवल्ली का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात् नियमानुसार वक्फ बोर्ड द्वारा जारी मुतवल्ली चुनाव मार्गदर्शिका 2022 के अनुरूप चुनाव समिति वक्फ बोर्ड के अनुमोदन से चुनाव समिति का गठन किया जाता है जो कि प्रक्रियाधीन है आगामी बोर्ड बैठक द्वारा गठित चुनाव समिति के गठन के पूर्व किसी भी प्रकार का चुनाव मान्य नही है।
अतः बोर्ड द्वारा गठित चुनाव समिति एवं चुनाव संबंधी दिशा निर्देश जारी किया जायेगा। उक्त आदेश अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित की गई है ।
इस संबंध में सरायपाली मुस्लिम समाज चुनाव समिति जिनके द्वारा चुनाव कराया जा रहा था ने बताया कि यह चुनाव की सूचना दिए जाने के बाद कराया जा रहा था । सभी कार्यवाहियों की जानकारी बोर्ड को दी जा रही थी । यदि चुनाव नियमानुसार नही हो रहा था तो पहले ही दिन इस पर बोर्ड को रोक लगा देनी थी । यदि इस तरह का आदेश हमे पूर्व में ही दे दी जाती तो हम इस चुनावी प्रक्रिया को प्रारम्भ में ही रोक देते । बोर्ड का यह निर्णय संतोषजनक नही है ।