:रामनारायण गौतम:
बिलासपुर: जिले के ग्रामीण इलाकों में साइक्लोन ‘मोंथा’ तबाही मचा दी है। तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के कारण किसानों की महीनों की मेहनत पलक झपकते बर्बाद हो गई। इसी आपदा का सबसे दर्दनाक दृश्य मल्हार नगर के एक खेत में देखने को मिला, जहां एक किसान की स्वर्णा धान की फसल तेज हवा और बारिश के कारण पूरी तरह गिर चुकी है।

धान में बाली आ चुकी थी, लेकिन अभी दाने पूरी तरह परिपक्व नहीं हुए थे। ऐसे में यदि फसल को खेत में ऐसे ही छोड़ दिया जाता, तो उसमें पाखड़ और बदरा लगने से पूरी फसल सड़ जाती। पर इस किसान ने हिम्मत नहीं हारी।

तेज हवा और लगातार वर्षा के बाद खेतों में धान की बाली मिट्टी में दब गई थी। किसान ने परिवार सहित खेत में उतरकर गिरे हुए धान को फिर से खड़ा करने का निश्चय किया। पांव तक कीचड़ में धंसे हुए, सिर पर आसमान से गिरती बूंदों के बीच, पूरा परिवार लगातार दो दिनों से धान की बाली उठाकर गन्ने के घेरे जैसी बधाई करने में जुटा है।
किसान बताते हैं “धान को ऐसे ही छोड़ देते तो सब सड़ जाता। अब जब तक जान है, कोशिश करेंगे कुछ बचा लें।”
