:विनोद कुशवाहा:
बिलासपुर: जिले में बिजली बिलों का संकट दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है।
स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद अधिकांश उपभोक्ताओं के बिल
अचानक कई गुना बढ़ गए हैं। जिन घरों में पहले 50 या 100 रुपए तक
का बिल आता था, वहां अब 10 हजार से 25 हजार रुपए तक का बिल थमाया जा रहा है।
मल्हार नगर पंचायत क्षेत्र में स्थिति सबसे अधिक तनावपूर्ण है, जहां सैकड़ों महिलाएं और ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध दर्ज करा चुके है ग्रामीणों का आरोप है कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिलों में भारी गड़बड़ी हो रही है। उनका कहना है कि न तो उन्हें सही रीडिंग दिखाई जाती है और न ही शिकायतों पर सुनवाई होती है।
कई उपभोक्ता नियमित रूप से बिल जमा करने के बावजूद अतिरिक्त बिल दिए जाने से हैरान हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि स्मार्ट मीटर हटाकर पुराने मीटर पुनः लगाए जाएं, क्योंकि इन नए मीटरों ने उनकी नींद उड़ा दी है। कलेक्ट्रेट परिसर में एकजुट हुए उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग पर मनमानी का आरोप लगाया।
उनका कहना है कि विभाग शिकायतों पर कार्रवाई करने की बजाय उपभोक्ताओं को ही दोषी ठहरा रहा है। मीटर रीडिंग में त्रुटि और सर्वर एरर जैसी तकनीकी समस्याएं भी लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन विभाग इन मुद्दों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
इस मामले में जब कलेक्टर संजय अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के बिल अधिक आए हैं, उनकी जांच कराई जा रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कई उपभोक्ता लंबे समय से बिलों का भुगतान नहीं कर रहे थे, जिसके कारण बकाया राशि बढ़ गई है। प्रशासन का दावा है कि बिलों में गड़बड़ी नहीं बल्कि पुराना बकाया जोड़ा गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग उपभोक्ताओं के बढ़ते आक्रोश को शांत करने के लिए क्या कदम उठाता है। क्या बिजली विभाग तकनीकी खामियों को स्वीकार कर समाधान देगा, या फिर उपभोक्ताओं को भारी-भरकम बिलों के बोझ तले यूं ही परेशान होना पड़ेगा। फिलहाल पूरी जनता राहत की उम्मीद लगाए बैठी है।