नक्सलवाद के साथ दशकों से चल रहे संघर्ष में एक अहम मोड़ आया है।
CPI (माओवादी) ने केंद्र सरकार से शांति वार्ता करने की इच्छा जताते हुए
सशस्त्र संघर्ष को अस्थायी रूप से रोकने की घोषणा की है।
जो प्रेस नोट जारी हुआ है वह 15 अगस्त 2025 का है केंद्रीय प्रवक्ता ‘अभय’ के प्रेस नोट के मुताबिक, संगठन ने एक महीने तक हिंसा रोकने की बात कही है और सरकार से अपील की है कि बातचीत शुरू करने के लिए एक समिति बनाई जाए। प्रवक्ता ने इसके लिए एक ईमेल आईडी भी साझा की है।

हालांकि, इस पत्र की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है और यह पर्चा महीने भर बाद सामने आया है। अभय ने सरकार से अनुरोध किया है कि एक महीने का युद्धविराम लागू किया जाए ताकि जेल में बंद नक्सली नेताओं को भी विचार-विमर्श में शामिल किया जा सके। पत्र में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर इस दौरान पुलिस की कार्रवाई और मुठभेड़ जारी रहे तो वार्ता प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

गौरतलब है कि यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब पिछले कई महीनों से सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज़ कर रखा है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अकेले छत्तीसगढ़ में 241 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें संगठन के महासचिव बसवा राजू (₹1.5 करोड़ इनाम घोषित), चलपति, रेणुका और सुधाकर जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इनमें 212 नक्सली बस्तर संभाग, 27 गरियाबंद (रायपुर) और 2 मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी (दुर्ग संभाग) में मारे गए। पिछले साल सुरक्षा बलों ने राज्य में 219 नक्सलियों को मार गिराया था.
वहीं इस मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पहले पत्र की सत्यता की जांच की जाएगी. फिर केंद्रीय गृह मंत्री जी से चर्चा की जाएगी फिर बात आगे बढ़ाई जाएगी.