कीमत बढऩे की आशंका
राजकुमार मल
भाटापारा। एंटी रेबीज वैक्सीन और एंटी स्नेक वेनम की कमजोर आपूर्ति अब दवा बाजार को परेशान कर रही है क्योंकि मांग बढ़ते क्रम पर है। शॉर्टेज की यह स्थिति कीमत पर प्रतिकूल असर डाल रही है।
तेज धूप, प्री मानसून बारिश। इन दोनों ने मिलकर उमस को बढ़ाया हुआ है। मौसम का यह बदलता रूप सांप, बिच्छू, मधुमक्खियां को बेचैन किए हुए हैं, तो कुत्तों का स्वभाव तेजी से परिवर्तन ले रहा है। ऐसे में अप्रत्याशित रूप से हमला कर रहे हैं। बचाव के उपायों के बीच एंटी रेबीज और एंटी स्नेक वेनम की शॉर्ट सप्लाई ने कीमत बढ़ाई हुई है।
शॉर्टेज में एंटी स्नेक वेनम
पूरे साल मांग में रहते हैं सांप, बिच्छू और मधुमक्खियों के दंश से विषैले प्रभाव को रोकने वाले एंटी स्नेक वेनम। इसका 20 इंजेक्शन का एक डोज़ 20 से 25 हजार रुपए जैसे उच्च स्तर पर पहुंच चुका है। दवा बाजार का कहना है कि यह तेजी इसलिए आई हुई है क्योंकि सप्लाई लाइन बेहद शॉर्ट है जबकि डिमांड संभावित स्थिति को देखते हुए लगभग दोगुनी के आसपास पहुंची हुई है।
दबाव में एंटी रेबीज वैक्सीन भी
कुत्तों के काटने से पीडि़तों की संख्या लगभग रोज बढ़ रही है। आवश्यक 7 वैक्सीन वाले एक डोज़ की खरीदी 350 से 450 रुपए में पीडि़त परिवार को करनी पड़ रही है। बढ़ी हुई यह कीमत और भी आगे बढऩे की आशंका इसलिए बन रही है क्योंकि एंटी रेबीज वैक्सीन भी चौतरफा डिमांड के प्रेशर में हैं। इसलिए शॉर्ट सप्लाई की स्थिति में यह भी आ चुका है।
शिकायत इसलिए नहीं
जान बचाना पहली प्राथमिकता। यह गंभीर सोच, पीडि़त और पीडि़त परिवार को जिम्मेदार जांच एजेंसियों तक पहुंचने से रोकती हैं। यही वजह है जो अधिकतम खुदरा विक्रय मूल्य से ज्यादा कीमत पर खरीदी करने के लिए पीडि़त परिवारों को विवश करता है। परेशान विक्रेता संस्थानें भी हो रहीं हैं क्योंकि एंटी रेबीज और एंटी स्नेक वेनम कंपनियों ने सप्लाई लाइन अभी भी चुस्त नहीं की हैं।