Manoj Kumar: ‘भारत की बात’ बताने वाले मनोज कुमार हुए हमेशा के लिए शांत.. पीएम मोदी ने दी

Manoj Kumar

जब भी देशभक्ति फिल्में या देश भक्ति गीत बजते है तो सबसे पहले मनोज कुमार ही लोगों के जेहन में आते हैं और इसी लिए तो उन्हें भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता था भारत की बात सुनाने वाले भारत कुमार याने मनोज कुमार हमेशा के लिए शांत हो गए.

शुक्रवार की सुबह 3 बजकर 30 मिनट को अंतिम सांस ली  वे लंबे समय से स्वास्थ्य गत कारणों से परेशान थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर अभिनेता और फिल्म निर्माता मनोज कुमार के निधन पर शुक्रवार को गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने मनोज कुमार को “भारतीय सिनेमा का आदर्श” बताते हुए उनकी देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना को सलाम किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मनोज कुमार की फिल्मों ने देशवासियों में राष्ट्रप्रेम की भावना जगाई और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी। मनोज कुमार ने ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’ और ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी देशभक्ति से ओत-प्रोत फिल्मों में अभिनय किया था, जिन्हें आज भी याद किया जाता है

पीएम मोदी का पोस्ट

मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई, 1937 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुआ था. वे पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार से नाता रखते थे. और उनका असली नाम हरिकिशन गिरी गोस्वामी था.

मनोज कुमार विभाजन के कारण 10 साल की उम्र में परिवार संग दिल्ली आ गए थे. उन्होंने यहां रहते हुए अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की और दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. कॉलेज पूरा होने के बाद मनोज कुमार ने अभिनय  की दुनिया में अपना  भाग्य आजमाने का फैसला किया.​ ​मनोज कुमार ने दिलीप कुमार, अशोक कुमार और कामिनी कौशल जैसे कई कलाकारों से प्रेरणा लेकर कलाकार बनने का फैसला किया था. उन्होंने ‘शबनम’ फिल्म में दिलीप कुमार के किरदार से प्रेरित होकर अपना नाम मनोज कुमार रख लिया था.

देशभक्ति फिल्मों में मनोज कुमार अपनी अदाकारी से जान डाल देते है 15 अगस्त और 26 जनवरी को सहित कई अवसरों में बजने वाले देश भक्ति  गीतों  का फिल्मांकन मनोज कुमार पर ही किया गया था एक तरह से यह कहा जा सकता है कि बीते जमाने में देशभक्ति फिल्मों को दूसरा नाम मनोज कुमार था.

 आज की जनधारा  की तरफ से मनोज कुमार जी को विनम्र श्रद्धांजलि