Shivling Madheshwar- विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग मधेश्वर महादेव की ख्याति पहुंची विदेशों तक

मयाली में आयोजित 7 दिवसीय शिव महापुराण कथा का हुआ भव्य समापन

भोजन भंडार,उपचार केंद्र,पुलिस सहायता केंद्र सहित अन्य विभागों ने पूरे 7 दिनों तक श्रद्धालुओं को दी उत्तम व्यवस्था

(दिपेश रोहिला)

पत्थलगांव । जिले के कुनकुरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम मयाली में मधेश्वर पहाड़ समीप आयोजित 7 दिवसीय शिव महापुराण कथा आज गुरुवार को भव्यता से सम्पन्न हुई। जिसमें 1.80 लाख से अधिक लोगों ने आज अंतिम दिवस की कथा सुनने सुबह 2 बजे से ही मयाली पहुंच रहे थे। यह कथा पं. श्री प्रदीप मिश्रा ने 8 बजे से शुरू कर 11:30 बजे तक श्रवण कराया। बता दें इस कथा को आस्था चैनल के माध्यम से भारत देश के करोड़ों शिव भक्तों समेत दुनिया के सैंकड़ों देशों के लोगों ने 7 दिनों तक लाइव देखा। इस दौरान कथा में शिव भक्ति की अविरल धारा बह रही थी। विश्व विख्यात कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा द्वारा 21 से 27 मार्च तक प्रत्येक दिन अपने मुखारविंद से शिव महापुराण का रसपान कराया गया।

आज की शिव महापुराण कथा में पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने जशपुर राजपरिवार के सदस्य एवं ऑपरेशन घर वापसी अभियान को निरंतर तीव्रता के साथ आगे बढ़ाने वाले प्रबल प्रताप सिंह जूदेव और जशपुर जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव को पूरे क्षेत्र में सनातन धर्म की मजबूती के लिए लगातार कार्य करते रहने की बात कही क्योंकि इस वनांचल क्षेत्र में स्वयं मधेश्वर महादेव विराजमान हैं, जो कि पूरे विश्व का कल्याण करने आए हैं, कुछ कहते है कि शिव को ढूंढो, मगर शिव महापुराण कथा कहती है यदि किसी प्रकार की परेशानी,संकट या किसी का जीवन समाप्त ही हो गया हो तो ईश्वर का नाम पुकारने में कोई हर्ज नहीं, उन्होंने कहा तुलसी और रुद्राक्ष कभी अशुद्ध नहीं होते यह दुनिया को शुद्ध करते हैं छल,कपट,बेईमानी,झूठ और पाप जितना भी किया हो यदि गले में एक रुद्राक्ष कोई धारण कर ले तो पूर्व के सारे पाप खत्म हो जाते हैं, उन्होंने वनवासी भाई बहनों से भी गले में रुद्राक्ष की माला धारण करने अपील की।

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इस दौरान उन्होंने बताया कि जशपुर के मयाली में प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ समीप हो रही इस शिव महापुराण की कथा को दुनिया के सैकड़ो देशों के लोगों द्वारा देखा और श्रवण किया जा रहा है, यदि अब कोई कहे कि जशपुर में क्या बड़ा है तो व्यक्ति को एकमात्र उत्तर देना कि मधेश्वर महादेव सबसे बड़ा। कथा श्रवण कर रहे उपस्थित श्रद्धालुओं से उन्होंने कहा कि यदि भगवान शंकर से दूरभाष के माध्यम से बातें करनी हो तो उनका नंबर “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” का जाप है। लोग तीर्थ नहीं जा सकते कोई जरूरी नहीं शुद्ध या अशुद्ध जैसे भी मनुष्य हो, शिव का नाम पुकारने पर ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार पत्थर में एक-एक बूंद पानी के टपकने पर उसमें छेद हो जाते हैं उसी प्रकार धीरे-धीरे श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते रहे तो साक्षात शिव के दर्शन होंगे।

क्योंकि शंकर को पाने का प्रयास सभी को करना चाहिए। उन्होंने कहा जीवन में जितनी भी बड़ी तकलीफ या विपत्ति में अगर फंसे हो तो भगवान शंकर के स्मरण मात्र से सभी समस्याओं का हल हो जाता है, वर्तमान में यदि कोई आपको आपके धर्म के प्रति भड़काने या मंदिर जाने पर जल चढ़ाना छोड़ देने की बात करता हो तो उस व्यक्ति की संगति ही छोड़ देने की बातें कही। पं. श्री प्रदीप मिश्रा ने कहा मनुष्यों को अपने कर्म से महान बनना चाहिए इसके लिए भूखें को अन्न,प्यासे को पानी और इतना ही नहीं बल्कि पीपल पेड़ के नीचे चींटियों को आटा, छत पर पक्षियों के लिए दाना, पानी की व्यवस्था करें, मटका में पानी भरकर रखें, गौमाता को रोटी पानी और चारा खिलाएं यह सब कार्य किसी भंडारे से कम नहीं है।आज लोग केवल अच्छाई नहीं बल्कि सिर्फ बुराई पहले ढूंढते है, जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने दुर्योधन और युधिष्ठिर से हस्तिनापुर में एक अच्छे और बुरे व्यक्ति को ढूंढकर लाने को कहा था परन्तु युधिष्ठिर को कोई बुरा व्यक्ति मिला ही नहीं और दुर्योधन ने बुरे व्यक्ति को ढूंढ लाया, ठीक उसी प्रकार जिस तरह मदिरा का सेवन करने वाला मदिरा की दुकान ढूंढ ही लेता है।

कोई पूछे शिव महापुराण की कथा से क्या प्राप्त हुआ तो उसका जवाब “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” जाप,शिव का स्मरण,आराधना,भक्ति सभी कुछ प्राप्त होने की बात कही जानी चाहिए। उन्होंने विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग मधेश्वर महादेव का दर्शन अतिमनमोहक बताया जो झील के किनारे बसा हुआ है, और आने वाले भविष्य में मयाली को सनातन का ध्वज बनने की बात कही। वहीं पं. श्री प्रदीप मिश्रा ने समस्त 12 ज्योतिर्लिंगों की जानकारी देते हुए उनका संपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने आगामी शिव महापुराण कथा में आने सभी को आमंत्रित किया।

जिसके पश्चात पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने कथा के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, कौशल्या साय,जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों,पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों,स्वास्थ्य विभाग,पेयजल विभाग,स्वच्छ भारत मिशन,नगरीय निकाय के साथ आयोजन समिति का सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। तत्पश्चात श्रीमती कौशल्या साय ने कहा कि इस शिव महापुराण की कथा को लाखों की संख्या में श्रवण करने आए लोगों को कथा सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर उनका आभार प्रगट करती हूं। जिसके बाद इस शिव महापुराण कथा के अंतिम दिवस की आरती की गई।

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