डिमांड, दोगुनी की संभावना
राजकुमार मल
भाटापारा। प्लास्टिक बैरल के बाद बारी अब आयरन टैंकर की। बीते साल की तुलना में इस बार इसकी खरीदी पर ज्यादा कीमत चुकानी होगी। बढ़त की आशंका इसलिए व्यक्त की जा रही है क्योंकि रिहायशी क्षेत्र में अभी से भूजल का स्तर नीचे जाने लगा है। ऐसे में वाटर टैंकरों पर मांग का दबाव बढ़ता देखा जा रहा है।
प्लास्टिक बैरल में खरीदी का स्तर बराबर बढ़त ले रहा है। इस बीच आयरन टैंकर ने अपनी आमद दे दी है क्योंकि सीजन आ चुका है। इसलिए टैंकर बनाने वाली इकाइयों ने अग्रिम तैयारी चालू कर दी है लेकिन निर्माण में उपयोगी जरूरी सामग्रियों की कीमत में आई तेजी का असर टैंकरो में भी देखा जा रहा है।

आयरन और टायर महंगा
वॉटर टैंकर निर्माण में आयरन प्रमुख है लेकिन उत्पादन लागत में बढ़ोतरी का असर टैंकर के लिए जरूरी आयरन प्लेट की कीमत में 10 से 15 फ़ीसदी वृद्धि आ चुकी है, इसलिए इसनें तैयार वॉटर टैंकर की दरें बढ़ा दी हैं। यह भी टैंकरों की दरों में बढ़ोतरी की वजह बन गए हैं।
अब इस रेट पर टैंकर
फोर व्हील वॉटर टैंकर की खरीदी पर इस साल 1,45,000 से लेकर 1,50,000 रुपए में करनी होगी। विक्रेता संस्थानों के मुताबिक इसमें करीब 5000 रुपए की वृद्धि हुई है जबकि टू व्हील वाटर टैंकर 2000 से 3000 रुपए की बढ़त के बाद 1,30,000 से लेकर 1,35,000 प्रति टैंकर की दर निश्चित हुई है। पूछ-परख को देखते हुए बाजार बेहतर जाने की संभावना है।
यह है उपभोक्ता
स्थानीय प्रशासन तो नियमित उपभोक्ता क्षेत्र है ही लेकिन अब लघु और मध्यम इकाइयां भी वाटर टैंकर के नए उपभोक्ता बनकर उभर रहीं हैं। इसके अलावा सामाजिक संस्थानों की भी खरीदी निकलती देखी जा रही है। ऐसे में वाटर टैंकरों का निर्माण करने वाली ईकाइयां और विक्रेता संस्थानें अग्रिम तैयारी में लगी हुई हैं। यही वजह है कि कीमत में और वृध्दि की धारणा व्यक्त की जा रही है।
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