नींद को लेकर हर किसी की अलग- अलग क्षमता है कुछी लोग दिन भर सोकर भी थके हुए रहते है तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो कुछ घंटे साेकर भी फ्रेश रहते हें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद भी कैंसर का एक कारण बन सकती है। कई शोध बताते हैं कि नींद की गुणवत्ता और कैंसर के बीच एक गहरा संबंध हो सकता है। पर्याप्त और अच्छी नींद लेने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है, जबकि नींद की कमी या अधिक नींद लेने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें कैंसर का खतरा भी शामिल है।
क्या नींद की कमी से कैंसर हो सकता है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि नींद पूरी न होने से शरीर में कोशिकाओं का डीएनए डैमेज (क्षति) हो सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन (Melatonin Hormone) बनता है, जो नींद को नियंत्रित करने के साथ-साथ कैंसर रोधी (anti-cancer) गुणों वाला होता है। अगर हम देर रात तक जागते हैं या लगातार 5 घंटे से कम सोते हैं, तो मेलाटोनिन का स्तर कम हो सकता है, जिससे कैंसर सेल्स की ग्रोथ को बढ़ावा मिल सकता है। शोध के अनुसार शिफ्ट वर्क करने वाले लोगों (जैसे नाइट शिफ्ट वर्कर्स) में कैंसर का खतरा अधिक पाया गया है।
कौन-कौन से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है?
महिलाओं में मेलाटोनिन की कमी से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। पुरुषों में मेलाटोनिन का कम स्तर प्रोस्टेट कैंसर की संभावना बढ़ा सकता है। खराब नींद से पाचन तंत्र पर असर पड़ता है, जिससे आंतों का कैंसर हो सकता है। कम नींद से शरीर में सूजन (Inflammation) बढ़ती है, जिससे फेफड़ों पर असर पड़ सकता है।
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क्या ज्यादा नींद लेने से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है?
बहुत ज्यादा सोना (9-10 घंटे से अधिक) भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। कुछ शोध बताते हैं कि बहुत अधिक सोने से मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोग बढ़ सकते हैं, जिससे कैंसर का रिस्क भी बढ़ जाता है। ज्यादा सोने से शरीर में सूजन (Chronic Inflammation) बढ़ सकती है, जो कैंसर को बढ़ावा दे सकती है। नींद का असंतुलन शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक (Circadian Rhythm) को बिगाड़ सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कैंसर से बचने के लिए सही नींद कैसे लें?
7-8 घंटे की गहरी नींद लें। सोने और जागने का समय एक जैसा रखें। रात को जल्दी सोए और सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें। सोने से 1 घंटा पहले मोबाइल, लैपटॉप और टीवी से दूरी बनाएं। कम रोशनी में सोने की आदत डालें, ताकि मेलाटोनिन हार्मोन सही से बने। कैफीन और ज्यादा तले-भुने भोजन से बचें, खासकर रात में। एक्सरसाइज और योग करें, जिससे नींद अच्छी आएगी।