सक्ति नगर से लगे हुए ग्राम सोठी मैं श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ l 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के 1 वर्ष पूर्ण होने पर , कलश यात्रा में भगवान श्री राम की भव्य झांकी भी निकाली गई l
शक्ति नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए महामाया देवी मंदिर मैं महापुराण की पूजा अर्चना कर., वरुण आवाहन किया गया l कलश यात्रा में नगर एवं ग्रामों के अनेक महिलाओं ने कलश धारण कर, अपनी आस्था प्रकट की l
कथा व्यास छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कथा वाचक , राजेंद्र जी महाराज ने बताया कि, श्रीमद् भागवत महापुराण का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा और ईश्वर के प्रति आस्थावान व्यक्ति का निर्माण करना हैं, उन्हें दैहिक दैविक और भौतिक, ताप से बचाना है l क्योंकि इसी जन्म में ही मनुष्य को अपने भावी जन्म की तैयारी करना है l
आचार्य द्वारा भागवत महात्म कथा का विस्तार से वर्णन कर बताया गया कि, श्रीमद् भागवत देव दुर्लभ है, इसी महापुराण की प्रेरणा से भक्ति देवी के दोनों बेटे ज्ञान और वैराग्य की जरा अवस्था दूर हुई थी l
धुंधकारी जैसा कपूत को भी प्रेत योनि से मुक्ति मिली थी l तक्षक नाग के द्वारा काटे जाने पर भी राजा परीक्षित को परमधाम अर्थात भगवान की शरणागति मिली l श्रीमद् भागवत की कथा केवल श्रवण करने का नहीं है, सच्चे श्रोता इस कथा को श्रवण कर चिंतन और मनन भी करते हैं, l
श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक श्रीमती शारदा देवी शिवकुमार राठौर , श्रीमती शिल्पा संतोष राठौड़ द्वारा अधिक से अधिक संख्या में भागवत कथा श्रवण करने की अपील की गई है