CG NEWS : सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बौखलाए आदिवासी, बस्तर में दिखा ख़ासा असर….

@चंद्रहास वैष्णव

जगदलपुर। आज पूरे भारत में आदिवासी समुदाय के अलग अलग संगठनों द्वारा बंद का आवाहन किया गया,जिसमे सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसटी एससी के कुछ वर्गो को क्रिमिलियर के अंतर्गत ले जाने को लेकर बौखलाए आदिवासी सड़क पर उतरे। बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में बैंड का खासा असर देखने को मिला जहां आपातकालीन सेवाओं के साथ स्कूल और सरकारी दफ्तरों को बंद से दूर रखते हुए बाकी सारे प्रतिष्ठानों को बंद किया गया जिसमें बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी समर्थन दिया है।

 

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छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष राजाराम तोडेम ने बताया की सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति को वर्गीकरण किया गया है जिससे जाति विशेष के लोगों के अंदर ही भीतरघात जैसी स्थिति पैदा हो सकती है जिसके कारण संपूर्ण आदिवासी समाज सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को एक सिरे से खारिज करती है।

 

 

वही सर्व आदिवासी समाज के बस्तर संभाग अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने कमिश्नर कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए बताया सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार अनुसूचित जाति जनजाति के कोटे के ऊपर कोटा और कोटे के अंदर क्रिमिलेयर का प्रावधान किया गया है जिसका निर्णय राज्य सरकारों के ऊपर सौंपा है।यह एक न्यायलयीन फैसला नहीं है राजनैतिक फैसला है।

सुप्रीम कोर्ट के जज बी आर गवाई हमारे समाज वर्ग के है उसके बावजूद उन्होंने यह फैसला दिया है।उनके फैसले से सारे समाज में आक्रोश का माहौल है जिसके कारण हम सुप्रीम कोर्ट के जज भी गवाही के इस्तीफा की मांग करते हैं। जबकि इंदिरा साहनी वाले मामले में नौ जजों का 1992 में फैसला आया था जहां स्पष्ट रूप से यह कहा गया था जीएसटी एससी वर्ग के लोगों पर क्रीमी लेयर लागू नहीं हो सकते आदिवासियों को आर्थिक स्तर पर अलग नहीं किया जा सकता।

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