:रमेश गुप्ता:
दुर्ग। ऑपरेशन विश्वास के तहत दुर्ग पुलिस ने बेरोजगार युवकों को रेलवे माल गोदाम में स्थायी नौकरी लगाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। उतई थाना पुलिस ने इस मामले में 03 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने 32 लोगों से कुल 33,50,000 रुपये यह कहकर वसूले कि वे भारतीय रेलवे माल गोदाम रसमड़ा में स्थायी नौकरी लगवा देंगे।

एडिशनल एसपी अभिषेक झा ने बताया कि प्रार्थिया रीति देशलहरा (55 वर्ष) निवासी वेदांता नगर, उमरपोटी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वर्ष 2022 में आरोपी बिशेश्वर मारकंडे उर्फ बिसेसर उर्फ गुप्ता, जो उसके पति का परिचित था, उनके घर आया और दावा किया कि वह रेलवे माल गोदाम में लीडर है और बेरोजगार युवाओं को 3 माह में नौकरी दिलवा सकता है।
इसके बदले आरोपी ने प्रति व्यक्ति 2.50 लाख रुपये की मांग की।
24 दिसंबर 2022 से 24 अप्रैल 2023 के बीच आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कुल 28 युवकों से 33.50 लाख रुपये ले लिए, लेकिन किसी को नौकरी नहीं दिलाई। बार-बार पैसा मांगने पर आरोपियों ने प्रार्थिया को गुमराह कर वापस रकम नहीं लौटाई।
आरोपियों ने कैसे चलाया फर्जी रैकेट?
जांच में पता चला कि—
- बिशेश्वर मारकंडे पहले रेलवे माल गोदाम रसमड़ा में हमाली का काम करता था।
- उसका साथी हेमंत कुमार साहू माल गोदाम श्रमिक संगठन का सचिव था।
- दोनों मिलकर बेरोजगार लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर मोटी रकम वसूलते थे।
- उनसे ली गई राशि से आरोपियों ने कार, इलेक्ट्रिक स्कूटी, घर बनाने और अन्य व्यक्तिगत खर्च किए।
पहले तो आरोपियों ने घटना से इनकार किया, लेकिन साक्ष्य के आधार पर अपराध स्वीकार कर लिया।
जप्त सामानपुलिस ने आरोपियों से बरामद किया—
- ₹2,22,000 नगद
- 02 कार
- 01 इलेक्ट्रिक ओला स्कूटी
- 04 मोबाइल फोन
- बैंक पासबुक, एटीएम और अन्य दस्तावेज
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
उतई पुलिस ने तीनों आरोपियों—
- बिशेश्वर मारकंडे उर्फ बिसेसर (58 वर्ष)
- प्रमोद मारकंडे उर्फ राहुल (23 वर्ष)
- दोनों निवासी: ग्राम चारभाटा, थाना रानीतराई, दुर्ग
- हेमंत कुमार साहू (37 वर्ष)
- निवासी: सरोना चौक, आमानाका, रायपुर
—को 21 नवंबर 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में कोर्ट में पेश किया।
आपराधिक प्रकरण
- अपराध क्रमांक: 466/2025
- धारा: 420, 120B, 34 भादवि
- थाना: उतई, जिला दुर्ग
पुलिस टीम
इस कार्रवाई में निरीक्षक महेश ध्रुव, उपनिरीक्षक प्रमोद सिन्हा, सउनि सुरेश पांडे, आरक्षक राजीव दुबे, महेश यादव, ध्रुव नारायण चंद्राकर एवं दिलीप सिदार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।