world health day: तेजी से बदलती जीवनशैली ने डाला हमारी सेहत पर असर-डॉ.प्रसून मिश्र

world health day

आज के इस तेज भागती जिंदगी ने हमारी जीवन शैली को पूरी तरह से प्रभावित कर दी है.  लोग जितने हाईटेक होते जा रहे है उतना ही उनके स्वास्थ्य के स्तर में भी गिरावट आती जा रही है़ कम उम्र में ही बच्चों और युवाओं को कई गंभीर बीमारियों ने जकड़ रखा है और इन सब का कारण है हमारी अनियमित दिनचर्या, प्रदुशित वातावरण और हमारा खानपान है़  विश्व स्वास्थ्य दिवस यानी वर्ल्ड हेल्थ डे पर आज की जनधारा से चर्चा करते हुए यह महत्वपूर्ण बातें डॉ. प्रसून मिश्र ने बताई.

डॉ. प्रसून मिश्र

 

 जंक फूड,फास्ट फूड धकेल रहा बीमारी की ओर

तेजी से बदलते जीवन शैली और उनके प्रभाव पर चर्चा करते हुए डॉ.प्रसून मिश्र ने कहा कि यह वास्तव में गंभीर समस्या है और इस पर गहराई से विचार कर के ही हम इन समस्याओं से बच सकते हैं. उन्होने बताया कि आज कम उम्र में ही बच्चों और युवाओं में लीवर,हार्ट संबंधी बीमारियां देखने को मिलती है़. इसका प्रमुख कारण भोजन है क्योंकि आज के डिजिटल युग में खाना भी आनलाईन आने लगा है़.

प्रतीकात्मक तस्वीर

कई बार माता-पिता को पता ही नही होता की उनके बच्चे ने क्या मंगा खा रहे हैं जंक फूड, फास्ट फूड खाना  आज के इस दौर में स्टेट्स का सिंबाल हो गया है़  इसमें युवा और बच्चे सबसे आगे है ये जंक फूड और फास्ट फूड ही हमें धीरे-धीरे बीमारियों की ओर धकेल रहे हैं उन्होने कहा कि माता-पिता या घर के बड़ों को अपने बच्चो पर विषेश ध्यान देना चाहिए और उनसे एक मित्र की भांति बातचीत भी करनी चाहिए इससे बच्चे भी सकरात्मक महसूस करते है.

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बच्चों में तेजी से बढ़ता मोटापा

डॉ.प्रसून मिश्र ने बताया कि वर्तमान दौर में बच्चे मोटापा का भी शिकार हो रहे हैं. हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ा है. 2022 में 5 से 19 साल की उम्र के बीच के लगभग 12.5 मिलियन बच्चों का वजन अधिक है, जबकि 1990 में यह आंकड़ा 0.4 मिलियन था. 12.5 मिलियन में से 7.3 मिलियन लड़के और 5.2 मिलियन लड़कियां थीं.

उन्होने इसके पीछे की वजह जंक फूड, फास्ट फूड, और चीनी युक्त पेय पदार्थों का अधिक सेवन. बच्चों का शारीरिक रूप से कम सक्रिय होना, जैसे कि खेल और व्यायाम कम करना. टीवी, वीडियो गेम और अन्य स्क्रीन उपकरणों के साथ अधिक समय बिताना, शहरीकरण और पश्चिमी जीवनशैली के कारण बच्चों के आहार और जीवनशैली में बदलाव है.

 

प्रदुषण और मिलावट है सेहत के दुश्मन

 

डॉ.प्रसून मिश्र ने कहा कि इसके अलावा प्रदुषण और मिलावट भी हमारे स्वास्थ्य का सबसे बड़ा दुश्मन है. शहरीकरण और विकास की आड़ में लगातार पेड़-पौधों को काट दिया जाता है. इससे हमारे पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ने लगा है. वही अब खाद्य पदार्थों में भी मिलावट हो गई है. फसलों में कई तरह के रसायनों का प्रयोग हो रहा है. जिसका असर भी हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है़.

प्रतीकात्मक तस्वीर

दो-तीन माह पहले महाराष्ट्र राज्य के बुलढाणा जिले की घटना का जिक्र करते हुए डा प्रसुन मिश्र ने बताया कि यहां के शेगाव तहसील के कालवड़ बोडगांव और हिंगना में अचानक से लोगों के बाल झड़ने लगे इसमें बच्चे युवा पुरूष महिलाएं भी शामिल थी 2 महीने में 300 लोग एलोपेसिया यानि बाल झड़ने का शिकार हो गए थे जब इस मामले की गहराई से जांच की गई तब रिसर्च से सामने आया कि रसायन मिले खाद्य पदार्थो के सेवन से ही लोगा एलोपेसिया का शिकार हो गए थे

 

‘स्वस्थ्य शुरूवात आशावान भविष्य’

विश्व स्वास्थ्य दिवस यानि वर्ल्ड हेल्थ डे के साल 2025 के थीम के बारे में डॉ.प्रसून मिश्र ने कहा कि इस बार स्वस्थ्य शुरूवात आशावान भविष्य थीम  के तहत काम किया जाएगा. जिसका मुख्य उद्देश्य मां और नवजात बच्चे के सेहत और सुरक्षा पर ध्यान देना है.  ताकि गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अपने और गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान अच्छे से रखे और फिर बच्चे को जन्म देने के बाद भी स्वयं का और बच्चे की देखभाल भलीभांति कर सके डॉ ने कहा कि मां जितनी स्वस्थ्य होगी बच्चा भी उतना ही स्वस्थ्य होगा. इसलिए इस साल की थीम का नाम स्वस्थ्य शुरूवात आशावान भविष्य रखा गया है.

 

लगातार प्रयासों के बाद भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में  गिरावट  पर डॉ. प्रसून ने इसके पीछे जागरूकता की कमी को सबसे बड़ा कारण माना है  उन्होने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई अहम योजनाएं तो बन जाती है पर इसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता होता है  इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े लोगों को भरसक प्रसास करने होंगे  ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य से जुड़ी सभी योजनाएं पहुंच जाएं.