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Women Empowered कैसे होगी नारी सशक्त? शिक्षा के अधिकार को पलीता लगा रहीं प्रिंसिपल..
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Women Empowered ,स्कूल का रिकॉर्ड बेहतर बनाने, कमजोर छात्रों को थमा रहे टीसी
Raipur/Chhattisgarh
60 से ज्यादा कमजोर छात्रों को टीसी लेने दबाव डाल रहा प्रबंधन….
शिक्षा सचिव की फटकार के बाद प्रधान पाठक- प्राचार्यों में हड़कंप….
कैसे होगी Women Empowered
स्कूल प्रशासन की तानाशाही???
Women Empowered ,बालिका पढेगी-विकास गढेगी, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ….यह नारे, यह मुखड़ा दीवारों और सुनने में ही बेहतर लगती है

Women Empowered ,क्योंकि राजधानी में इसके विपरीत काम हो रहा है सरकार एक ओर बालिकाओं को पढ़ाने शिक्षित करने हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन सरकार के नुमाइंदे इसका कैसे पलीता लगा रहा,
Women Empowered ,की स्कूल में उत्कृष्ट शब्द जोड़ने से कमजोर बच्चों को निकालने की कोशिश की जा रही इसकी सूचना मीडिया मैं आने पर स्कूल की प्राचार्या हरकत में आई वह निकाले गए बच्चों को बहाल करने की प्रक्रिया शुरू की…
…सिर्फ सरकारी दस्तावेजों में स्कूल का रिकार्ड बेहतर बना रहे इसके लिए रायपुर के सरकारी स्कूल की प्रिसिंपल द्वारा कमजोर छात्राओं को जबरिया टीसी देने का मामला सामने आया है।
रायपुर के चौबे कालोनी में स्थित मायाराम सुरजन शासकीय विद्यालय में पढ़ने बड़ी संख्या में पढ़ने वाली छात्राओं ने प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है की 10वीं का रिजल्ट खराब

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आने पर उन पर जबरिया टीसी लेने का दबाव बनाया जा रहा है। उनसे परिजनों के गैर मौजूदगी में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाया जा रहा है।
जो छात्राएं मना कर रहीं है उन्हे डेढ़-डेढ़ घंटे तक क्लास से बाहर कर दिया जा रहा है।
आरोप है की प्रिंसिपल का कहना है की स्कूल को उत्कृष्ट घोषित किया गया है इसलिए ऐसी छात्राओं को स्कूल में नहीं पढ़ाया जाएगा जो कमजोर हो।
छात्राओं को कहा जा रहा है की वो दूसरे स्कूल में एडमिशन लें या घर बैठकर कोई काम करें। यहां विद्यालय की प्राचार्या ही शिक्षा के अधिकारों को सरेआम पलीता लगा रही हैं।
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..विद्यालय के तमाम छात्राओं का आरोप है कि उनको जबरन वहां से निकाला जा रहा है।
ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि आखिर कौन सा शिक्षा का अधिकार किसी प्राचार्या को ये पॉवर देता है कि वो किसी भी फेल छात्र को जबरन विद्यालय से निकाल दे ?
प्राचार्या की इस तानाशाही को लेकर एक ओर जहां पालक परेशान हैं तो वहीं जानकार इसको लेकर सवाल उठा रहे हैं। पालकों का कहना है कि अगर महाविद्यालय उत्कृष्ट है तो फिर छात्र फेल क्यों हुए ?
क्या महाविद्यालय के गुरूजनों ने छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा दी ? छा़त्राओं को उत्कृष्ट शिक्षा देने की जिम्मेदारी आखिर किसकी है ? क्यों उसने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई ?
-दोनो परिजनों की बाइट और
दीपक जायसवाल, स्थानीय पार्षद की बाइट
..इस मामले पर रायपुर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे का कहना है कि हर छात्र-छात्राओ को शिक्षा का अधिकार है। प्रशासन किसी के भी अधिकारों का हनन नहीं होने देगा।
डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे,कलेक्टर

Women Empowered ,फाइनल वीओ:- पूरे मामले में यह साफ है कि बच्चों की पढ़ाई में उत्कृष्ट शब्द विद्यालय में जुड़ना ही दीवार बनकर खड़ी हो रही है.
..अब आप ये सोच रहे होंगे कि शिक्षा के अधिकार पर आखिर प्राचार्या ने क्यों दीवार खड़ी कर दी ? तो आपको बता दें प्राचार्या का मानना है उस विद्यालय के नाम के साथ जुड़ा उत्कृष्ट शब्द..

.विद्यालय की प्राचार्या भावना तिवारी से जब स्वदेश न्यूज़ की टीम ने संपर्क करने की कोशिश की तो प्राचार्य बाद में मिलने की बात कही। सवाल तो अब उठता है कि यह तय करने वाली प्राचार्या कौन होती हैं ?
Women Empowered ,प्रशासन के काम में सरेआम प्राचार्या आखिर दीवार खड़ी क्यों कर रही हैं?आखिर इसके पीछे है कौन!