बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। गुरुवार को पार्टी ने 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसके बाद पटना स्थित जन सुराज कार्यालय में जमकर हंगामा हुआ।

बेनीपट्टी सीट पर फूटा विवाद
हंगामा तब शुरू हुआ जब सूची में बेनीपट्टी विधानसभा सीट से अवध किशोर झा की जगह मोहम्मद परवेज़ आलम का नाम सामने आया।
अवध किशोर झा के समर्थक भड़क उठे और टिकट बंटवारे में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कार्यालय परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन करने लगे।
समर्थकों का आरोप है कि,
“बेनीपट्टी में जन सुराज को खड़ा करने में हमने मेहनत की है, अवध किशोर झा का नाम हमेशा चर्चा में रहा, लेकिन टिकट उस व्यक्ति को दे दिया गया जिसने इलाके की ओर कभी झांका भी नहीं।”
आरसीपी सिंह ने की सूची जारी
जन सुराज पार्टी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने पहली उम्मीदवार सूची का ऐलान किया।
घोषणा के तुरंत बाद ही कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिली।
पार्टी के अंदरखाने में यह मामला अब गुटबाजी और टिकट वितरण की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है।

51 प्रत्याशियों की पहली सूची में जातीय संतुलन पर फोकस
पार्टी ने 7 सुरक्षित और 44 सामान्य सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है।
सूची के अनुसार —
- अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से 17 उम्मीदवार (16 हिंदू, 1 मुस्लिम)
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से 11 उम्मीदवार
- सामान्य वर्ग से 9 उम्मीदवार
- अल्पसंख्यक वर्ग से 7 उम्मीदवार
- वाल्मीकिनगर सीट से 1 अनुसूचित जनजाति (ST) उम्मीदवार
पार्टी ने दावा किया है कि सूची जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।


⚠️ आंतरिक मतभेदों से पार्टी की चुनौती बढ़ी
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर के लिए यह पहली बड़ी संगठनात्मक परीक्षा है।
अगर टिकट वितरण को लेकर असंतोष बढ़ता है, तो इसका असर जन सुराज की चुनावी रणनीति पर पड़ सकता है।