Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से: ट्रंप की दूसरी पारी- अमेरिका फर्स्ट : पूरी दुनिया पर राज करने की मंशा

ट्रंप की दूसरी पारी- अमेरिका फर्स्ट: पर राज करने की मंशा

सुभाष मिश्र
दुनिया का सिरमौर समझें जाने वाले अमेरिका को अब और ताकतवर बनकर अमेरिका फस्र्ट की ओर बढऩा है। अपनी दूसरी पारी का आगाज करते हुए अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आपको विश्व शंति के दूत की तरह प्रस्तुत करते हुए अमेरिका को नये सपने दिखाये हैं। 4 जुलाई 1776 को बना अमेरिका दुनिया के 196 देशों में अग्रणी है। अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन (अप्रैल 1789) से अब तक 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका फस्र्ट की नीति पर चल रहे हैं। वैसे भी दुनिया में डॉलर और अमेरिका का दबदबा लंबे समय से कायम है। बीच-बीच में कभी रूस तो कभी चीन उसके सामने चुनौती बनकर खड़े होते रहे हैं। अब रूस अपनी नीतियों और आंतरिक बाहरी युद्ध की वजह से इस रेस में पिछड़ता गया, किन्तु चीन ने लगातार आर्थिक और सामरिक स्तर पर एक चुनौती खड़ी की है। पूरी दुनिया को कोरोना वायरस की चपेट में लाने वाले ‘चीन’ अमेरिका के सामने अभी भी चुनौती हैं। यही वजह है है कि डोनाल्ड ट्रंप अपनी दूसरी पारी में खुले आम ‘पनामा’ के बहाने चीन को गरियाते नजर आये।

डोनाल्ड टं्रप के हालिया निर्णय से पूरी दुनिया में क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो आने वाला समय बतायेगा, किन्तु हमारी रूचि ‘एशिया’ क्षेत्र में पडऩे वाले आर्थिक, सामाजिक और सामरिक प्रभावों की ओर है। यदि हम एशियाई मूल के देशों की बात करें तो सबसे ज्यादा चीन के प्रभावित हो सकता है। चीन की परचेसिंग केपिसिटी से अमेरिका सहित बहुत से यूरोपिय देश आतंकित हैं।

ट्रम्प ने चीन पर कड़े व्यापारिक प्रतिबंध और टैरिफ लगाए थे। दूसरी पारी में यह टकराव और बढ़ सकता था, जिससे: चीन की अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ेगा। चीन की बढ़ती ताकत और अन्य एशियाई देशों (जैसे वियतनाम, बांग्लादेश और भारत) को चीन के विकल्प के रूप में उभरने का अवसर मिल सकता है। इंडो-पैसिफिक रणनीति के तहत ट्रम्प ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती शक्ति को रोकने के लिए ‘क्वाड’ (भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका) को मजबूत किया। इससे चीन के खिलाफ भारत और अन्य एशियाई देशों को समर्थन मिलेगा। दूसरी पारी में उत्तर कोरिया पर परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए दबाव और बढ़ सकता था, जिससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ सकता था।
भारत-अमेरिका संबंध के बारे में बात करें तो मोदीजी ट्रंप को अपना दोस्त बताते है। उन्हे विश्वास है की ट्रंप के आने से रक्षा, व्यापार और तकनीकी में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। भारत को चीन के मुकाबले मजबूत बनाने के लिए अमेरिका से अधिक समर्थन मिल सकता है। ट्रम्प ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिससे भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। अपने पहले कार्यकाल में ट्रम्प ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने को कहा था। दूसरी पारी में पाकिस्तान पर और अधिक दबाव पड़ सकता है। अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक और सैन्य सहायता पर कटौती हो सकती है। अपने पहले भाषण में टम्प ने कहा, ‘अमेरिका का स्वर्ण युग अभी शुरू हो रहा है। इस दिन से हमारा देश फिर समृद्ध होगा और पूरी दुनिया में इसका सम्मान किया जाएगा। मैं बहुत ही सरलता से अमेरिका को सबसे पहले रखूंगा। हमारी सुरक्षा बहाल होगी। न्याय के तराजू को फिर संतुलित किया जाएगा। हम फिर से अमेरिका को महान बनाएंगे।’

ट्रम्प द्वारा लिए गये महत्वपूर्ण निर्णय में दूसरे देशों पर टैरिफ के लिए एक्सटर्नल रेवेन्यू सर्विस का गठन। एजुकेशन सिस्टम और हेल्थ सिस्टम में बदलाव करेंगे। अवैध प्रवासियों की एंट्री बैन करेंगे, पकड़ो और छोड़ो सिस्टम खत्म करेंगे। घुसपैठ रोकने के लिए मेक्सिको बॉर्डर पर इमरजेंसी का ऐलान करेंगे। ड्रग माफिया को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करेंगे। विदेशी गिरोहों के खात्मे के लिए विदेशी शत्रु अधिनियम 1798 लागू करेंगे। ट्रांसजेंडर सिस्टम खत्म, सिर्फ दो जेंडर होंगे- पुरुष और महिला। इलेक्ट्रिक गाडिय़ों की अनिवार्यता खत्म करेंगे। पनामा नहर को पनामा से वापस लिया जाएगा, शामिल है।

ट्रम्प ने जन्मजात नागरिकता को खत्म कर दिया है। उन्होंने उन माता-पिता के बच्चों को जन्मजात नागरिकता देने से इनकार करने का आदेश दिया है जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं या फिर अस्थायी वीजा लेकर रह रहे हैं। अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन बच्चों को जन्मजात नागरिकता की गारंटी देता है। अमेरिका में यह कानून 150 साल से लागू है। एक रिसर्च रिपोर्ट 2022 के अनुसार 16 लाख भारतीय बच्चों को अमेरिका में जन्म लेने की वजह से नागरिकता मिली है। प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक अमेरिका में दुनिया के सबसे ज्यादा अप्रवासी हैं। दुनिया के कुल 20फीसदी अप्रवासी अमेरिका में ही रहते हैं।
जब पूरी दुनिया में थर्ड जेंडर की बात हो रही है, एलजीबीटीक्यू की बात हो रही है। न्यायालयों के निर्णय और समाज में आ रहे बदलाव के बीच जब डोनाल्ड टॉप ने घोषणा की की अमेरिकी में सिर्फ 2 जेंडर पुरुष और महिला होंगे। उन्होंने सभी तरह की सरकारी सेंसरशिप को तुरंत रोकने और अमेरिका में अभिव्यक्ति की आजादी को बहाल करने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करने की घोषणा की।

अमेरिका डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने से जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर भी दस्तखत किए। ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान कोरोना महामारी से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ के उठाए कदमों की आलोचना की थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से अलग कर दिया। भारत और चीन से बहुत सारी सामग्री अमेरिका जाती है और अमेरिका से बहुत सी चीजे दूसरे देश जाती हैं ऐसे में टम्प ने दूसरे देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया।
जब बहुत सारे देश डीज़ल-पेट्रोल पर अपनी निर्भरता ख़त्म करके ईवी गाडिय़ों को प्रोत्साहित कर रहे हैं वहीं अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहन की अनिवार्यता खत्म की जा रही है। अब यह देखना होगा की क्या अमेरिका फिर से पूरी दुनिया को सिरमोर बनेगा या दूनिया के बड़े व्यवसायिक डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका को दुनिया की बिटव्काइन महाशक्ति बनायेगा। अपनी दूसरी पारी की शुरूआत पर ट्रंप ने मेमेकाइन के लांच में मुद्रा उद्योग के कई पॉवर ब्रोकर्स को चौंका रखा है। उन्होने दूसरा नया क्रिप्टो टोकन लॉंच किया। नया डिजीटल सिक्का जिलसे मेमे काईन के रूप में जाना जाता है। मेमेकाइन एक प्रकार की क्रिप्टोकेरेंसी है।